होम लोन के लिए महत्वपूर्ण बातें, Important Things For Home Loan
होम लोन के लिए महत्वपूर्ण बातें

आजकल घर खरीदना या बनाना कोई आसान काम नहीं हैं। इसके लिए काफी ज्यादा पैसे की आवश्यकता होती हैं। जिसके चलते लोग होम लोन की तरफ कदम बढ़ाते हैं। होम लोन लेकर अपने सपनों का घर खरीदा या बनाया जा सकता हैं। होम लोन लेकर घर खरीदना ज्यादा मुश्किल नहीं हैं, मगर होम लोन लेकर इसकी रिपेमेंट करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन जाता हैं।
हालांकि होम लोन की रिपेमेंट अवधि काफी लंबी होती हैं, जिसके बावजूद भी होम लोन की रिपेमेंट के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैं। क्योंकि अधिकतर मामलों में लोन की रकम काफी ज्यादा होती हैं। जिसका भुगतान करना मुश्किल हो जाता हैं।

यदि आप भी होम लोन लेने का प्लान कर रहे हैं तो आपको होम लोन से जुड़ी कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन्हें अपनाकर आप वित्तीय संकट से बच सकते हैं। तो आइए, हम आपको बताते हैं कि लोन लेने से पहले किन बातों का ख्याल रखना जरूरी हैं।

बैंक या एनबीएफसी की तुलना करें

होम लोन हो या अन्य लोन सभी के लिए किफायती दरों का होना बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। यदि आप कुछ बैंकों व एनबीएफसी की दरों की तुलना करेंगे तो आप किफायती दरों पर लोन मुहैया करने वाले बैंक को प्राथमिकता दे पाएंगे। इसलिए लोन लेने से पहले बैंकों की ब्याज दर व अन्य शुल्क के बारे में जानकारी लेना ही बहतर होता हैं। बहुत से बैंक कम एलटीवी (Loan To Value Ratio) पर लोन देते हैं जबकि कुछ बैंक ज्यादा एलटीवी के तहत लोन मुहैया करते हैं। अधिक एटीवी के तहत ज्यादा रकम का लोन लिया जा सकता है जबकि कम एलटीवी पर कम रकम का लोन मिलता हैं।

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जरुरत के मुताबिक ही लोन लें

लोन की रकम का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। जितनी रकम की आवश्यकता हैं उतनी ही रकम का लोन लेना चाहिए। इसके लिए आप पहले ही आंकलन कर सकते हैं कि घर खरीदने के लिए कितनी रकम की आवश्यकता होगी, और आपके पास कितनी रकम सेविंग के रूप में हैं। ऐसा करने पर आप ज़रूरत के अनुसार ही लोन की रकम का चुनाव कर पाएंगे। इसके साथ साथ आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप कितनी रकम को आसानी से चुका सकते हैं। क्योंकि लोन की रकम के चुनाव में बहुत से लोग गलती कर बैठते हैं। ज्यादा रकम का लोन लेने पर ब्याज दर भी अधिक होती हैं। तथा इसे चुकाने के लिए भी अधिक समय लगता हैं जिसके कारण ब्याज की रकम अधिक चुकानी पड़ती हैं।

लोन की भुगतान अवधि कम रखें

लोन की भुगतान अवधि छोटी रखना कई तरह से फायदेमंद रहता हैं। छोटी भुगतान अवधि होने पर कम ब्याज दर पर लोन मिल जाता हैं, तथा आपको कम ब्याज चुकाना पड़ता हैं। इसके साथ-साथ आप लोन के बोझ से जल्दी मुक्त हो जाते हैं। जबकि लंबी अवधि होने पर आपको ब्याज ज्यादा चुकाना होता हैं, और आप लंबे समय तक ईएमआई के जाल में फंसे रहते हैं। इसलिए कोशिश करनी चाहिए की छोटी अवधि के लिए ही लोन लिया जाएं।

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ईएमआई का उचित चुनाव करें

बहुत से उधारकर्ता लोन को जल्दी चुकाने के चक्कर में ईएमआई ज्यादा रकम की चुनते हैं ऐसा करना भी काफी नुकसानदायक हो सकता हैं। आपको अपने अनुसार चुकाने योग्य रकम की ईएमआई का चुनाव करना चाहिए। क्योंकि ज्यादा रकम की हर माह ईएमआई भरने में आपको दिक्कतें आ सकती हैं। और इसी दौरान यदि आपसे ईएमआई भरने में चुक हो जाती हैं तो आपको अतिरिक्त शुल्क भी चुकाना पड़ सकता हैं।
दूसरी ओर यदि आप कम रकम की ईएमआई चुनते हैं तो आपके लोन की भुगतान अवधि लंबी हो सकती हैं जिससे आपको अतिरिक्त ब्याज चुकाना पड़ सकता हैं। इसलिए ईएमआई का चुनाव सोच समझकर करना चाहिए।

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समय पर ईएमआई का भुगतान करें

लोन लेने के बाद, लोन चुकाना सही मायनों में चुनौतीपूर्ण कार्य होता हैं। यदि आप लोन के भुगतान में असफल रहते हैं तो आपको अपने घर से भी हाथ धोना पड़ सकता हैं। इसलिए लोन की ईएमआई सही समय पर भरना चाहिए। ईएमआई में देरी होने पर आपको अतिरिक्त शुल्क का भुगतान भी करना पड़ सकता हैं।
यदि आप कुछ समय के लिए ईएमआई चुकाने में असमर्थ रहते हैं तो आप Moratorium अवधि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं इसके लिए आपको कुछ समय के लिए ईएमआई चुकाने की आवश्यकता नहीं होती हैं। हालांकि इसका इस्तेमाल करने पर लोन की भुगतान अवधि बढ़ जाती हैं।

लोन की रकम का उचित उपयोग करें

यदि आप घर खरीदने के लिए लोन ले रहे हैं तो आपको लोन का पैसा घर खरीदने के लिए ही उपयोग करना चाहिए। यदि आप लोन की रकम का उपयोग किसी अन्य कार्य में करते हैं तो आपको कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं। अपने निजी खर्च के लिए कभी भी होम लोन का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि आपका उद्देश्य घर खरीदने का हैं ना कि अपने निजी खर्च को पूरा करना। शेयर बाजार, म्युचुअल फंड या किसी अन्य माध्यम से लोन का पैसा कभी भी निवेश नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनमें हमेशा जोखिम रहता हैं जिससे आपका पैसा डुब भी सकता हैं और आप बहुत बड़ी वित्तीय संकट में फस सकते हैं।

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होम लोन इंश्योरेंस भी कराए

कुछ पैसे बचाने के चक्कर में अधिकतर उधारकर्ता होम लोन इंश्योरेंस करवाना उचित नहीं समझते हैं। मगर होम लोन इंश्योरेंस करवाना आपकी नामौजूदगी में आपके परिवार को सुरक्षित रखने का काम करता हैं। यदि आप काफी बड़ी रकम का होम लोन ले रहे हैं तो आपको होम लोन इंश्योरेंस जरूर करवाना चाहिए। इसके लिए आपको कुछ अतिरिक्त रकम अदा करनी पड़ती हैं। मगर किसी दुर्घटनावश आपको कुछ हो जाता हैं तो आपको या आपके परिवार को बकाया होम लोन का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती हैं। क्योंकि आपने पहले ही होम लोन कवर लिया हैं जिसके तहत आपके होम लोन का भुगतान होम लोन इंश्योरेंस कंपनी करेगी। होम लोन इंश्योरेंस खरीदकर होम लोन के बोझ आपके परिवार पर ना पड़े इसे लेकर आप निश्चिंत हो सकते हैं।

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प्री-पेमेंट विकल्प भी चुन सकते हैं

यदि आप कुछ अतिरिक्त पेमेंट करने में सक्षम हैं तो आपको प्री-पेमेंट (समय पूर्व भुगतान) विकल्प का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके तहत आप बकाया लोन की कुछ रकम या पूर्ण रकम का भुगतान भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता हैं। हालांकि कुछ बैंक व एनबीएफसी प्री-पेमेंट के लिए शुल्क में छूट भी देती हैं।
प्री-पेमेंट के जरिए आपको ब्याज में राहत मिलती हैं, और आप लोन के बोझ से जल्दी आजाद हो सकते हैं।

अन्य लोन के चलते होम लोन ना लें

यदि आपने कोई अन्य लोन भी लिया हुआ हैं तो आपको होम लोन या अन्य लोन लेने से बचना चाहिए। क्योंकि एक से अधिक लोन को एक साथ चुकाने में ईएमआई का बोझ बढ़ता हैं। जो आपके लिए नुकसानदायक हो सकता हैं। इसके साथ-साथ आपके वित्तीय व्यवहार या सिबिल स्कोर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। जो भविष्य में अन्य लोन के लेने में मुश्किलें खड़ी कर सकता हैं।

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सभी दस्तावेज की अच्छी तरह जांच करें

होम लोन सिक्योर्ड लोन होता हैं अर्थात इसके लिए मकान बैंक के पास आधिकारिक तौर पर गिरवी रखा जाता हैं। यदि ऊधारकर्ता होम लोन चुकाने में असमर्थ रहता हैं तो बैंक के पास अधिकार रहता हैं कि मकान को नीलाम करके बकाया लोन को रिकवर कर सके। होम लोन से संबंधित नियम व शर्ते या अन्य दस्तावेजों को पहले ही अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त बैंक की तरफ से बहुत से शुल्क भी लागू किए जाते हैं जो आपको चुकाने पड़ सकते हैं। इनके बारे में आपको पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।

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