श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के तहत नौकरीपेशा व स्व-रोजगार वाले व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन ले सकते हैं। श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस रेजिडेंशियल व काॅमर्शियल प्राॅपर्टी दोनों के विरुद्ध लोन मुहैया करता हैं।
श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (Loan Against Property) के तहत अधिकतम 10 करोड़ रुपए का लोन लिया जा सकता हैं। वहीं लोन की अवधि 25 वर्ष हो सकती हैं।
बिजनेस हो या कोई अन्य जरूरी काम हर किसी के लिए पैसों की आवश्यकता होती हैं। ऐसे में लोन लेकर अपने जरूरी कामों को निपटाया जा सकता हैं।
मगर लोन लेना इतना भी आसान काम नहीं हैं कि इसे कहीं से भी, किसी भी ब्याज दर पर ले लिया जाए।
इसलिए हम आपके लिए लोन से संबंधित जानकारी लेकर आते रहते हैं। इस पेज मे आप श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी से संबंधित जानकारी लें सकते हैं जैसे ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, लोन टू वैल्यू रेश्यो, लोन के लिए पात्रता मानदंड व जरूरी दस्तावेज व अन्य। इन सभी के बारे में जानकारी होने पर आप आसानी से लोन ले सकते हैं।
श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी मुख्य बिंदु
ब्याज दर | 15% से शुरू |
प्रोसेसिंग फीस | 0.50% |
लोन रकम | 10 करोड़ अधिकतम |
भुगतान अवधि | 25 वर्ष अधिकतम |
न्यूनतम आय | ₹30000 प्रति माह |
प्री-पेमेंट शुल्क | कोई शुल्क नहीं |
श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी प्रकार
श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के तहत काॅमरशियल प्राॅपर्टी व रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के विरुद्ध लोन लिया जा सकता हैं।
लोन अगेंस्ट रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी (रिहायशी प्राॅपर्टी) को सिक्योरिटी के तौर पर रखकर लोन लिया जा सकता हैं। अपनी वित्तीय जरूरतें जैसे- शिक्षा, स्वास्थ, शादी आदि के खर्च को पूरा करने के लिए श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस प्राॅपर्टी लोन लिया जा सकता हैं।
- श्रीराम फाइनेंस रेजिडेंशियल प्राॅपर्टी लोन की विशेषताएं:
- श्रीराम फाइनेंस रेजिडेंशियल प्राॅपर्टी लोन के तहत 1 लाख से 10 करोड़ तक का लोन लिया जा सकता हैं।
- लोन की भुगतान अवधि 25 वर्ष हो सकती हैं।
- वेतनभोगी व स्व-नियोजित आवेदनकर्ता लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- लोन के साथ प्राॅपर्टी लोन इंश्योरेंस भी लिया जा सकता हैं।
- प्रोसेसिंग फीस के रूप में लोन की रकम का 0.5% भुगतान करना होता हैं।
- प्री-पेमेंट शुल्क में छूट मिलती हैं।
लोग अगेंस्ट काॅमरशियल प्राॅपर्टी
काॅमर्शियल प्राॅपर्टी (व्यवसायिक प्राॅपर्टी) के विरुद्ध लोन लेने को ही काॅमर्शियल प्राॅपर्टी लोन या लोन अगेंस्ट काॅमर्शियल प्राॅपर्टी कहते हैं। श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट काॅमर्शियल प्राॅपर्टी के तहत ऑफिस, दुकान, क्लीनिक, चेंबर आदि को सिक्योरिटी के तौर पर रखकर लोन लिया जा सकता हैं।
- श्रीराम फाइनेंस काॅमर्शियल प्राॅपर्टी लोन की विशेषताएं:
- श्रीराम फाइनेंस काॅमर्शियल प्राॅपर्टी लोन के तहत 1 लाख से 10 करोड़ तक का लोन लिया जा सकता हैं।
- लोन की भुगतान अवधि 25 वर्ष हो सकती हैं।
- वेतनभोगी व स्व-नियोजित आवेदनकर्ता लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- लोन के साथ प्राॅपर्टी लोन इंश्योरेंस भी लिया जा सकता हैं।
- प्रोसेसिंग फीस के रूप में लोन की रकम का 0.5% भुगतान करना होता हैं।
- प्री-पेमेंट शुल्क में छूट मिलती हैं।
श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ब्याज दर
Shriram Finance प्राॅपर्टी लोन लेने पर शुरूआती ब्याज दर 15 प्रतिशत होती हैं। लोन की ब्याज दर अलग अलग आवेदनकर्ता के लिए अलग हो सकती हैं। आवेदनकर्ता की रिस्क प्रोफाइल (जोखिम) के अनुसार ब्याज दर कम या ज्यादा हो सकती हैं।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी या बंधक लोन की ब्याज दर को बहुत से कारक प्रभावित करते हैं जैसे-
आवेदनकर्ता की इनकम
आवेदक की मासिक आय लोन की ब्याज दर को प्रभावित करती हैं। आवेदक की आय अधिक होने पर बैंक को लोन के भुगतान को लेकर कम जोखिम रहता है जिसके चलते कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता हैं। वही आवेदक की आय कम होने पर लोन की रिपेमेंट मे अधिक जोखिम होता हैं जिसके कारण ब्याज दर अधिक निर्धारित की जाती है।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी सिक्योर्ड लोन होता हैं फिर भी बैंक आवेदनकर्ता की आय को महत्व देता हैं। आवेदनकर्ता की आय लोन के भुगतान करने योग्य होने पर ही लोन मंजूर होता हैं अन्यथा लोन मिलना मुश्किल भी हो सकता हैं।
आवेदनकर्ता की आयु
श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस द्वारा प्राॅपर्टी लोन के लिए आवेदक की न्यूनतम उम्र 24 वर्ष होनी चाहिए। अर्थात आवेदक की उम्र जितनी कम होगी, इससे लोन की पात्रता बढ़ जाती हैं साथ ही लोन की ब्याज दर भी कम हो सकती हैं। अधिक उम्र के आवेदको को लोन मिलना मुश्किल होता हैं साथ ही ब्याज दर भी अधिक हो सकती हैं।
आवेदक की उम्र अधिक होने पर ब्याज दर अधिक लागू होती हैं जबकि आवेदक की उम्र कम होने पर ब्याज दर तुलनात्मक कम तय की जाती है।
क्रेडिट स्कोर / सिबिल स्कोर
सभी तरह के लोन के लिए आवेदनकर्ता का सिबिल स्कोर अच्छा होना बेहद जरूरी होता है। प्राॅपर्टी लोन के लिए भी सिबिल स्कोर बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। अच्छा सिबिल स्कोर होने पर लोन अप्रुवल जल्दी मिलने के साथ-साथ ब्याज दर भी कम लागू की जाती है।
अच्छा सिबिल स्कोर की बात की जाए तो 750 से ऊपर का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता हैं। क्योंकि लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी सिक्योर्ड लोन होता हैं। जिसके लिए 700 से ऊपर का सिबिल स्कोर भी अच्छा माना जा सकता हैं।
लोन की अवधि
लंबे समय के लिए लोन लेने पर ब्याज दर अधिक चुकानी पड़ती है। जबकि छोटी अवधि का लोन कम ब्याज दर पर भी मुहैया हो जाता हैं। ऐसा इसलिए हैं कि बैंक, लंबे समय तक जोखिम होने पर ब्याज दर अधिक निर्धारित करते हैं जबकि छोटी अवधि के लिए लोन लेने पर कम समय के लिए जोखिम रहता हैं जिसके कारण ब्याज दर कम होती हैं।
अन्य लोन या लायबिलिटी
बैंक लोन देते समय आवेदक द्वारा वर्तमान में लिए गए अन्य लोन व लायबिलिटी को ध्यान में रखकर लोन मंजूर करता हैं। यदि आवेदनकर्ता के अन्य लोन की ईएमआई व खर्चें अधिक हैं, तो बैंक कम रकम का लोन मंजूर करता हैं व ब्याज दर भी अधिक लागू करता हैं। क्योंकि आवेदनकर्ता की लायबिलिटी ज्यादा हैं तो लोन के भुगतान में जोखिम बढ़ जाता हैं जिसके कारण ब्याज दर अधिक तय की जाती हैं।
आवेदक की लोन हिस्ट्री
किसी भी लोन के लिए आवेदक की लोन हिस्ट्री / क्रेडिट हिस्ट्री का अच्छा होना बहुत जरूरी होता हैं। प्राॅपर्टी लोन (Mortgage Loan) के लिए प्राॅपर्टी को सिक्योरिटी के तौर पर रखा जाता हैं। फिर भी बैंक ऊधारकर्ता से लोन की रिपेमेंट सही समय पर होने की उम्मीद रखता है। यदि बैंक को वास्तव में लगता है कि लोन की रिपेमेंट होना मुश्किल है तो बैंक प्राॅपर्टी लोन देने के लिए मना भी कर सकता हैं। क्योंकि बैंक के लिए लोन का नियमित रूप से भुगतान होना ही सबसे अच्छा होता हैं। किसी गिरवी रखी प्राॅपर्टी को बेचकर लोन की रिकवरी करने में भी बैंक का अतिरिक्त समय व पैसा लगता हैं।
बैंक से रिलेशनशिप
बैंक का मौजूदा ग्राहक होना भी लोन की ब्याज दर को प्रभावित करता हैं। यदि आवेदनकर्ता ने बैंक से पहले भी कोई लोन लिया हैं जिसका भुगतान समय पर किया गया हैं तब बैंक से लोन लेना आसान होता हैं। और लोन कम ब्याज दर पर मिल जाता हैं। क्योंकि ऊधारकर्ता की लोन हिस्ट्री अच्छी होती हैं इसलिए बैंक कम ब्याज दर पर लोन मुहैया करता हैं।
बैंक में बचत खाता या चालू खाता होना भी लोन की ब्याज दर के लिए फायदेमंद हो सकता हैं।
इसे भी पढ़ें- पंजाब नेशनल बैंक लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी: ब्याज दर, पात्रता, आवेदन कैसे करें?
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आवेदक की उम्र 24 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- नौकरी करने वाले आवेदनकर्ता की मासिक आय 30000 रूपए होनी चाहिए।
- बिजनेस करने वाले आवेदनकर्ता को कम से कम तीन साल का कार्य अनुभव होना चाहिए।
- नौकरीपेशा करने वाले आवेदनकर्ता कम से कम दो साल नौकरी में कार्यरत होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज (Required Documents)
- नौकरीपेशा वाले आवेदनकर्ता:
- पहचान का प्रमाण: आधार कार्ड, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पहचान पत्र आदि में से कोई एक होना चाहिए।
- उम्र का प्रमाण: पेनकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, 10वी का सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बैंक पास बुक आदि में से कोई एक होना चाहिए।
- पते का प्रमाण: राशन कार्ड, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, यूटिलिटी बिल, आदि में से कोई एक होना चाहिए।
- आय का प्रमाण: फार्म-16, नौकरी देने वाली फर्म/कंपनी से दिया गया सर्टिफिकेट, पिछले दो महीने की सैलरी स्लिप, पिछले तीन साल की ITR, इन्वेस्टमेंट प्रमाण आदि।
- प्राॅपर्टी के दस्तावेज: सेल डीड, सेल एग्रीमेंट, पोजेशन सर्टिफिकेट, टैक्स स्लिप, NOC आदि।
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।
- बिजनेस करने वाले आवेदनकर्ता:
- पहचान का प्रमाण: आधार कार्ड, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पहचान पत्र आदि में से कोई एक होना चाहिए।
- उम्र का प्रमाण: पेनकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, 10वी सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बैंक पास बुक आदि में से कोई एक होना चाहिए।
- पते का प्रमाण: राशन कार्ड, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, यूटिलिटी बिल, आदि में से कोई एक होना चाहिए।
- आय का प्रमाण: पिछले दो वर्ष का आईटीआर रिकार्ड।
- पिछले छः माह के बिजनेस से जुड़े वित्तीय दस्तावेज।
- बिजनेस सर्टिफिकेट, MOA / AOA
- प्राॅपर्टी के दस्तावेज: सेल डीड, सेल एग्रीमेंट, पोजेशन सर्टिफिकेट, टैक्स स्लिप, NOC आदि।
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।
लोन टू वैल्यू रेश्यो (LTV)
- रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के लिए:
- रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के विरुद्ध लोन लेने पर प्राॅपर्टी की वैल्यू का 70 प्रतिशत तक लोन लिया जा सकता हैं।
- लोन की रकम प्राॅपर्टी की लोकेशन, प्राॅपर्टी की उम्र व आवेदक की रिपेमेंट क्षमता के आधार पर तय की जा सकती हैं।
- काॅमर्शियल प्राॅपर्टी के लिए:
- काॅमर्शियल प्राॅपर्टी के विरुद्ध लोन लेने पर प्राॅपर्टी की वैल्यू का 60 प्रतिशत तक लोन लिया जा सकता हैं।
- लोन की रकम प्राॅपर्टी की लोकेशन, प्राॅपर्टी की उम्र व आवेदक की रिपेमेंट क्षमता के आधार पर तय की जाती हैं।
इसे भी पढ़ें- बैंक ऑफ़ इंडिया गोल्ड लोन इंटरेस्ट रेट, योग्यता, प्रोसेसिंग फीस, आवेदन कैसे करें?
श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी कैसे अप्लाई करें?
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
- लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के सेक्शन में जाएं व लोन अप्लाई करें।
- प्राॅपर्टी लोन के लिए सभी जरूरी विवरण दर्ज करें जैसे- नाम, जन्म तिथि, पता, पेनकार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, लोन अमाउंट आदि।
- आगे की प्रक्रिया के लिए बैंक के प्रतिनिधि आपसे संपर्क करेंगे।
- प्राॅपर्टी की जांच व अन्य जरूरी जांच करने के बाद आपकी पात्रता के अनुसार लोन दिया जाएगा।
- ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस की शाखा में जाएं।
- लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए आवेदन फार्म भरें।
- सभी जरूरी दस्तावेजों को आवेदन फार्म के साथ जोड़े।
- आवेदन फार्म को जमा करें।
- इसके बाद बैंक के प्रतिनिधि आपसे संपर्क करके लोन की प्रक्रिया पूरी करेंगे।
- प्राॅपर्टी की जांच व अन्य जरूरी जांच करने के बाद आपकी पात्रता के अनुसार लोन दिया जाएगा।
श्रीराम फाइनेंस प्राॅपर्टी लोन की विशेषताएं
- श्रीराम फाइनेंस से 1 लाख से 10 करोड तक का लोन लिया जा सकता हैं।
- लोन की भुगतान अवधि अधिकतम 25 वर्ष चुनी जा सकती हैं।
- 24 से 70 साल तक के आवेदनकर्ता लोन के लिए पात्र हैं।
- प्राॅपर्टी की वैल्यू का 70 प्रतिशत तक लोन लिया जा सकता हैं।
- नौकरीपेशा या स्व-रोजगार करने वाले आवेदनकर्ता लोन ले सकते हैं
- लोन की रकम का इस्तेमाल करने के लिए कोई पाबंदी नहीं होती हैं।
- लोन मंजूरी में बहुत कम समय लगता हैं।
- रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी या काॅमर्शियल प्राॅपर्टी दोनों के विरुद्ध लोन लिया जा सकता हैं।
- प्राॅपर्टी लोन का बीमा भी कराया जा सकता हैं।
- प्रोसेसिंग फीस के रूप में लोन की रकम का 0.5% भुगतान करना होता हैं।
- प्री-पेमेंट शुल्क में छूट मिलती हैं।
- अकेले या संयुक्त रूप से आवेदन किया जा सकता हैं।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ध्यान रखने योग्य बातें
बैंक / एनबीएफसी की तुलना करना
प्राॅपर्टी लोन (माॅर्गेज लोन) की अवधि 15 से 25 वर्ष के बीच होती हैं। जिसके कारण ऊधारकर्ता को लंबे समय तक ब्याज चुकाना पड़ता हैं। इसलिए बैंक व वित्तीय संस्थान की तुलना करने के बाद ही लोन के लिए आवेदन करना चाहिए। जिस बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से किफायती दरों में लोन प्राप्त हो उसी बैंक या हाउसिंग फाइनेंस से लोन लेना चाहिए।
लोन की रकम (Loan Amount)
अपनी जरूरत के अनुसार ही लोन की रकम का चुनाव करना चाहिए। बहुत से लोग लोन की रकम के चुनाव में गलती कर बैठते हैं। वे लोन की रकम को अधिकतम रखतें हैं जबकि आपको अपनी जरूरत के हिसाब से ही लोन की रकम का चुनाव करना चाहिए। ऐसा करने से कम रकम पर ब्याज देना पड़ता है।
सिबिल स्कोर (Cibil Score)
अच्छा सिबिल स्कोर हमेशा फायदेमंद रहता हैं। इसलिए अपने क्रेडिट स्कोर का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। लगभग सभी तरह के लोन के लिए क्रेडिट स्कोर अच्छा होना जरूरी होता है। क्रेडिट स्कोर अच्छा होने पर कम ब्याज दर के साथ लोन अप्रूवल मे भी आसानी होती है।
लोन लेने का उद्देश्य
जब भी आप माॅर्गेज लोन (बंधक ऋण) के लिए अप्लाई करें तो आपका लोन लेने का उद्देश्य (Purpose) साफ होना चाहिए। आपका उद्देश्य ऐसा होना चाहिए जो आपके लिए बेहद जरूरी हैं जैसे बच्चों की शिक्षा के लिए, बच्चों की शादी के खर्चों के लिए, बिजनेस में ग्रोथ के लिए आदि।
लोन लेने का उद्देश्य शेयर मार्केट या सट्टा बाजार मे इस्तेमाल करने का नहीं होना चाहिए। हालांकि लोन के उद्देश्य के बारे में बैंक ऊधारकर्ता से केवल लोन एप्लीकेशन में पूछता है। इसके लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं मांगता हैं फिर भी लोन का उद्देश्य कोई महत्वपूर्ण कार्य ही होना चाहिए।
लोन की ईएमआई
लोन की रिपेमेंट के लिए ईएमआई का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। अपने सभी खर्चों को ध्यान में रखकर चुकाने योग्य रकम की ईएमआई का ही चुनाव करना चाहिए। ज्यादा रकम की ईएमआई चुनना आर्थिक समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
प्राॅपर्टी लोन ना चुकाने पर
यदि उधारकर्ता किसी कारणवश लोन की रिपेमेंट नही कर पाता हैं तो उधारकर्ता के पास प्राॅपर्टी को बेचने का पूरा हक रहता है। ऐसे में उधारकर्ता प्राॅपर्टी को अच्छे दामों में बेचकर लोन का भुगतान कर सकता हैं। अन्यथा बैंक जिस भी रेट मे प्राॅपर्टी को नीलाम करता हैं उधारकर्ता को वही स्वीकार करना होगा।
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श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी FAQs
श्रीराम फाइनेंस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के तहत 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज चुकाना होता हैं। हालांकि ब्याज दर आवेदनकर्ता की जोखिम प्रोफाइल के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं।
श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस से प्राॅपर्टी लोन लेने के लिए न्यूनतम मासिक आय 30000 रूपए होनी चाहिए।
लोन टू वैल्यू रेश्यो रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के लिए 70 प्रतिशत व काॅमर्शियल प्राॅपर्टी के लिए 60 प्रतिशत होता हैं। जबकि लोन की अधिकतम राशि 10 करोड़ रुपए हो सकती हैं।
सह-आवेदक जोड़ने पर अधिक रकम का लोन मिल सकता हैं। वहीं ब्याज दर भी कम हो सकती हैं। महिला सह-आवेदक होने पर अतिरिक्त फायदे मिल सकते हैं।
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