बैंक ऑफ़ इंडिया गोल्ड लोन: किसी भी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए गोल्ड लोन लिया जा सकता है। गोल्ड लोन सस्ते ब्याज दर पर मिलने वाले लोन में से एक हैं।
पैसे की आवश्यकता किसी भी वक्त पड़ सकती है। कुछ खास ऐसे काम होते हैं जिनके लिए पैसा बहुत ज्यादा जरूरी होता है। जैसे बिजनेस के लिए, बच्चों की शिक्षा, घर का निर्माण, बच्चों की शादी या कोई मेडिकल इमरजेंसी इन सभी के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता होती है। ऐसे वक्त में गोल्ड लोन लेकर अपना काम किया जा सकता हैं।
बैंक ऑफ इंडिया भारत के बेहतरीन बैंकों में से एक है। बैंक ऑफ इंडिया बहुत सस्ती ब्याज दरों पर गोल्ड लोन मुहैया करता है। यहां तक की बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन की ब्याज दर 7.25 प्रतिशत से शुरू होती हैं। इस पेज में आप बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन इंटरेस्ट रेट, योग्यता, प्रोसेसिंग फीस, जरूरी दस्तावेज आदि के बारे में जान पाएंगे। साथ ही गोल्ड लोन आवेदन करने का प्रोसेस भी जानेंगे।

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बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन
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बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन

यदि आप किफायती दरों पर गोल्ड लोन लेना चाहते हैं तो आपके लिए बैंक ऑफ़ इंडिया गोल्ड लोन एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं। क्योंकि बैंक ऑफ़ इंडिया गोल्ड लोन इंटरेस्ट रेट, प्रोसेसिंग फीस की दरें हर किसी के लिए किफायती हो सकती हैं।
हालांकि गोल्ड लोन सस्ती ब्याज दरों पर मिलने वाले लोन में गिना जाता हैं फिर भी बहुत से बैंक गोल्ड लोन के लिए बहुत ज्यादा ब्याज दर व प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं।

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन इंटरेस्ट रेट

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन के लिए 7.25% शुरूआती ब्याज दर रखता है। लोन के उद्देश्य को पूरा करते हुए लोन की ब्याज दर मे अंतर होता हैं।

12 महीने तक के लोन लेने पर ब्याज दर

उद्देश्य / Purposeब्याज दर (वार्षिक)
(एक साल के लोन पर)
Agriculture7.25%
Food & Agro7.35%
MSME/OPS7.65%
Consumption/Nonpriority8.40%
बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन इंटरेस्ट रेट

12 से 36 महीने की अवधि के लिए ब्याज दर

उद्देश्य / Purpose
ब्याज दर (वार्षिक)
(एक से तीन साल के लोन पर)
Agriculture7.55%
Food & Agro7.65%
MSME/OPS8.15%
Consumption/Nonpriority8.90%
बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन ब्याज दर

गोल्ड लोन की ब्याज दर को प्रभावित करने वाले कारक

गोल्ड लोन की ब्याज दर ऊधारकर्ता व गोल्ड के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकती है। कुछ कारक जो गोल्ड लोन की ब्याज दर को प्रभावित कर सकते हैं जैसे-

लोन की रकम

लोन की रकम जितनी अधिक होगी ब्याज दर भी उतनी अधिक होगी। गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होता है। जिसे लेने पर बैंक सिक्योरिटी के तौर पर सोने को रखता है। बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन की रकम सोने के बाजार मुल्य व शुद्धता के अनुसार तय करता हैं।

सोने की शुद्धता

सोने की शुद्धता का मापन कैरेट के आधार पर किया जाता हैं। 24 कैरेट का सोने उत्तम माना जाता है जबकि 24 कैरेट से कम कैरेट के सोने पर तुलनात्मक कम रकम का लोन मिलता हैं वहीं ब्याज दर भी अधिक हो सकती हैं।

सोने की कीमत

बाजार में जब सोने की कीमत अधिक होती है तो बैंक या एनबीएफसी को गोल्ड लोन देने में कम जोखिम रहता है। इसलिए लोन कम ब्याज दर पर मिलने की संभावना रहती है। वही सोने का भाव गिरने पर गोल्ड लोन की ब्याज दर अधिक हो सकती हैं।

मंहगाई दर

जब मुद्रास्फीति / महंगाई दर बढ़ती है तो सामान्य तौर पर सोने के रेट भी बढ़ते हैं ऐसे में गोल्ड लोन मिलना आसान होता है और कम ब्याज दर पर लोन मिलता है।

आवेदक की लोन हिस्ट्री

किसी भी लोन के लिए आवेदक की लोन हिस्ट्री / क्रेडिट हिस्ट्री का अच्छा होना बहुत जरूरी होता हैं। गोल्ड लोन के लिए बैंक गोल्ड को गिरवी रखता है मगर बैंक ऊधारकर्ता से लोन की रिपेमेंट होने की उम्मीद रखता है। यदि बैंक को वास्तव में लगता है कि लोन की रिपेमेंट होना मुश्किल है तो बैंक गोल्ड लोन देने के लिए भी मना कर सकता हैं। क्योंकि बैंक के लिए लोन का नियमित रूप से भुगतान होना ही सबसे अच्छा होता है। किसी गिरवी रखी प्राॅपर्टी को बेचकर लोन की रिकवरी करने में भी बैंक का अतिरिक्त समय व पैसा लगता है जिसके कारण आवेदनकर्ता का सिबिल स्कोर / क्रेडिट हिस्ट्री खराब होने पर बैंक अधिक ब्याज दर पर लोन देता है।

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन प्रोसेसिंग फीस

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन के लिए बहुत कम प्रोसेसिंग फीस (Processing Fee) वसूलता है। लोन की रकम के अनुसार प्रोसेसिंग फीस कम या ज्यादा हो सकती हैं। बैंक ऑफ इंडिया से एक लाख तक का गोल्ड लोन लेने पर कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं लगाई जाती हैं। बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन की अधिकतम प्रोसेसिंग फीस 1000 रूपए हो सकती हैं।

लोन की रकमप्रोसेसिंग फीस
1 लाख तक के लिएकोई शुल्क नहीं
एक लाख से पांच लाख तक के लिए₹125/लाख या अधिकतम ₹250
पांच लाख से ज्यादा के लिए₹125/ लाख या अधिकतम ₹1000
बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन प्रोसेसिंग फीस

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन जरूरी दस्तावेज

गोल्ड लोन के लिए ज्यादा दस्तावेजों की आवश्यकता नही होती है सिर्फ केवाईसी के लिए दस्तावेज होने पर ही लोन मिल जाता हैं।
• केवाईसी के लिए: आधार कार्ड, पेनकार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि में से कोई एक होना चाहिए।
• एड्रैस प्रूफ / Address Proof
• दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
• सैलरी प्रूफ (बैंक के अनुसार)।

BOI Gold Loan Eligibility (पात्रता)

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन के कुछ पात्रता मानदंड हैं जिन्हें पूरा करने के बाद आसानी से लोन लिया जा सकता हैं जैसे-
• आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
• आवेदक की आयु 21 वर्ष से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए
• ज्वैलरी, सोना, काॅइन का मालिक आवेदक होना चाहिए।
• गोल्ड का बिल या BIS होलमार्क होने पर लोन जल्दी मिल जाता हैं।
• सोना 18 कैरेट या 24 कैरेट का होना चाहिए।
• आवेदक की रिपेमेंट क्षमता अच्छी होनी चाहिए यानि आवेदक की कमाई का कोई साधन होना चाहिए। हालांकि गोल्ड लोन के लिए बैंक आवेदक की इनकम को ज्यादा महत्व नहीं देते हैं।

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन कौन ले सकता हैं?

गोल्ड लोन के लिए कोई भी वेतनभोगी स्व-नियोजित, प्रोफेशनल, बिजनेसमैन, ग्रहणी या किसान आवेदन कर सकते हैं। गोल्ड लोन के लिए कुछ अधिक नियम व शर्तें नहीं होती हैं। जिसके कारण लोन लेने मे ज्यादा दिक्कतें नहीं होती है। बैंक ऑफ इंडिया से लोन लेने के लिए कोई उद्देश्य होना जरूरी है जैसे- कृषि के लिए, छोटे बिजनेस के विस्तार के लिए, अन्य वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए।

कितने समय के लिए मिलता है गोल्ड लोन?

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन की अवधि कम से कम तीन महीने हैं जबकि अधिकतम अवधि तीन साल हैं। गोल्ड लोन छोटी अवधि के लिए मिलने वाला लोन होता है। ज्यादातर बैंक या एनबीएफसी गोल्ड लोन की अधिकतम अवधि तीन साल (36 महीने) ही रखते हैं। इसी अवधि में ऊधारकर्ता को किस्तों में लोन की रिपेमेंट करनी होती हैं।

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन कितना मिल सकता हैं?

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन के लिए न्यूनतम रकम की कोई सीमा नहीं है। जबकि अधिकतम रकम 50 लाख रूपए तक हो सकती हैं।
बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन के लिए गिरवी रखें गये सोने से स्टोन या किसी गैर-स्वर्ण की चीजों को अलग करके शुद्ध सोने की वैल्यू का 75 प्रतिशत तक लोन मिल सकता हैं। सोने के वजन शुद्धता, ज्वैलरी के प्रकार के अनुसार गोल्ड लोन, लोन टू वैल्यू रेश्यो (LTV) कम या ज्यादा हो सकती है।

किस तरह के गोल्ड पर लोन लिया जा सकता है

बैंक या एनबीएफसी लोन के लिए गिरवी रखे जाने वाले सोने की शुद्धता को बहुत ज्यादा महत्व देता है। लोन के लिए जरूरी गोल्ड हो सकता हैं-
ज्वैलरी: कंगन, नेकलेस, कुंडल व अन्य आभूषण।
सिक्के: सोने के सिक्कों को भी लोन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन के लिए अधिकतम 50 ग्राम सिक्के पर लोन लिया जा सकता है
गोल्ड बार: गोल्ड बार के एवज में भी लोन लिया जा सकता हैं।
गोल्ड बिस्किट

कितने कैरेट का गोल्ड होना चाहिए

सभी बैंक गोल्ड लोन के लिए सोने की शुद्धता को महत्व देते हैं। 24 कैरेट के सोने को उत्तम सोना माना जाता है जिसके कारण 24 कैरेट के सोने पर बहुत जल्दी लोन मिल जाता हैं। वहीं सोने में कई तरह की धातु मिली होती है जैसे- काॅपर, पीतल, सिल्वर इनकी मौजूदगी के कारण सोना कम कैरेट का हो जाता है। जिसके कारण ऐसे सोने की कीमत कम होती है जिसके कारण कम रकम का लोन मिलता है व लोन लेने में अधिक समय भी लग सकता हैं। वैसे गोल्ड लोन के लिए बैंक ऑफ़ इंडिया 18 कैरेट से 24 कैरेट के सोने को ही मान्यता देता हैं।

कौन से गोल्ड पर जल्दी लोन मिलता है

गोल्ड लोन के लिए बैंक ऑफ़ इंडिया सोने की शुद्धता को अधिक मान्यता देता है। वही BIS होलमार्क गोल्ड या ज्वैलरी होने पर लोन मिलना बहुत आसान होता है। या गोल्ड का बिल होने पर जिसमें गोल्ड की गुणवत्ता के बारे में दर्शाया गया है तो भी लोन की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सकती है। गोल्ड लोन मिलने में कुछ घंटों से लेकर दो या तीन दिन का समय भी लग सकता हैं।

दिये गये गोल्ड की सिक्योरिटी के बारे में

बैंक या एनबीएफसी के पास गिरवी रखे गये सोने को सुरक्षित रखने के लिए बहुत से इंतजाम होते है। गोल्ड लोन लेते समय सोने को ऊधारकर्ता के सामने गोल्ड के एक खास पैकेट में बन्द किया जाता है जिसमें ऊधारकर्ता के हस्ताक्षर, दिनांक व बैंक की मोहर लगाई जाती है। जिससे लोन चुकाने के बाद गोल्ड ज्यो का त्यो मिलता हैं। ऐसा नहीं हैं कि आपके सोने के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की जाती हैं। बल्कि बैंक के पास लोकर में आपका सोना रख लिया जाता है। जो 24×7 सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहते हैं। इसलिए गोल्ड लोन लेने के बाद गिरवी रखें गये सोने की सिक्योरिटी के बारे में अधिक चिंता की जरूरत नहीं होती हैं। बैंक ऑफ इंडिया भी गोल्ड लोन के तहत गिरवी रखें गये सोने की सिक्योरिटी के अच्छे इंतजाम करता हैं। यहां भी आपका सोना बिल्कुल सुरक्षित रहता है।

बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन कैसे मिलेगा

बैंक ऑफ इंडिया से गोल्ड लोन लेने के लिए आप अपने नजदीकी बैंक ऑफ इंडिया की शाखा मे जाकर गोल्ड लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक फार्म भरना होता है जिसके साथ सभी जरूरी दस्तावेज भी देने होते हैं।
आवेदन फार्म में कुछ सामान्य सी जानकारी भरनी होती हैं जैसे- नाम, पता, व्यवसाय, लोन का उद्देश्य, व बैंक अकाउंट डिटेल्स। इन सभी जानकारी को भरने के बाद फार्म को जमा कर देना हैं बैंक के प्रतिनिधि फार्म की जांच करता है साथ ही गिरवी रखें जाने वाले सोने की शुद्धता और वैल्यू का मूल्यांकन किया जाता हैं। शुद्धता और वैल्यू के अनुसार ही लोन की रकम तय होती हैं। इतना करने के बाद लोन की रकम कुछ समय बाद आपके बैंक अकाउंट में आ जाती है।

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गोल्ड लोन रिपेमेंट विकल्प

गोल्ड लोन की रिपेमेंट के लिए कई विकल्प मिल जाते हैं। जिसके कारण लोन की रिपेमेंट अपने अनुसार की जा सकती हैं। गोल्ड लोन की रिपेमेंट मासिक ईएमआई, तिमाही ईएमआई, छमाही ईएमआई या वार्षिक ईएमआई के रूप मे की जा सकती हैं। इसके अलावा और भी विकल्प रहते हैं जैसे-
• पहले ब्याज का भुगतान व अंत में बकाया लोन रकम का भुगतान।
• ब्याज का भुगतान ईएमआई के द्वारा व अंत मे बकाया लोन रकम का भुगतान।
• ब्याज व लोन रकम दोनों का भुगतान ईएमआई के द्वारा।
गोल्ड लोन की रिपेमेंट बैंक या एनबीएफसी के अनुसार भी करनी पड़ सकती हैं। सभी बैंक या एनबीएफसी लोन की रिपेमेंट के लिए अधिक विकल्प नहीं देते हैं।

गोल्ड लोन न चुका पाने पर

गोल्ड लोन छोटी अवधि का लोन होता है व लोन की रिपेमेंट के लिए भी कई तरह के विकल्प मिल जाते हैं इसके बावजूद भी यदि लोन की रिपेमेंट नही हो पाती है तो बैंक ऊधारकर्ता के पास कई माध्यम से लोन का भुगतान करने के लिए सूचना भेजता है। इसके बावजूद भी यदि लोन की रिपेमेंट नही की जाती है तो बैंक डाक के द्वारा ऊधारकर्ता के पास एक अंतिम नोटिस भेजता है जिसमें लोन की रिपेमेंट का ब्योरा दिया होता है। वही लोन के भुगतान की अंतिम तिथि भी दी गई होती है। ऊधारकर्ता अंतिम तिथि से पहले लोन का भुगतान करके गिरवी रखें गये सोने को ले सकता है। अन्यथा बैंक सोने को नीलाम करके लोन की रिकवरी कर लेता है यदि नीलामी में सोने की कीमत लोन की रकम से अधिक रहती है तो बची हुई रकम ऊधारकर्ता को लोटा दी जाती है।
बहुत से बैंक गोल्ड लोन का भुगतान ना होने पर ऊधारकर्ता को गिरवी रखें गये सोने को बेचकर लोन चुकाने का विकल्प भी देता है। ऐसा करने पर ऊधारकर्ता अच्छी कीमत में अपना सोना बेचकर लोन का भुगतान कर सकता हैं।

गोल्ड लोन के फायदे व विशेषताएं

गोल्ड लोन लेने पर बहुत से फायदे हो सकते हैं जैसे-
• गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होता है जिसके कारण लोन मिलना आसान होता हैं।
• लोन की प्रक्रिया सरल व कम समय में पूरी हो जाती है।
• गोल्ड लोन के लिए अधिक नियम व शर्ते नही होती हैं।
• गोल्ड लोन के लिए बहुत कम दस्तावेजों की आवश्यकता होती हैं।
• कम सिबिल स्कोर होने पर भी गोल्ड लोन मिल जाता हैं।
• गोल्ड की वैल्यू का लगभग 75 प्रतिशत तक लोन मिल जाता हैं।
• गोल्ड लोन की ब्याज दर कम होती है।
• बैंक या एनबीएफसी के पास गोल्ड को सुरक्षित रखने के बखूबी इंतजाम रहते हैं जिसके कारण गोल्ड सुरक्षित रहता है।
• गोल्ड लोन को समय से पहले पूर्ण-भुगतान करने पर कोई शुल्क नहीं लगता हैं। हालांकि कुछ बैंक ऐसा करने पर शुल्क वसूलते हैं।
• गोल्ड लोन की रिपेमेंट के लिए कई विकल्प होते हैं।

गोल्ड लोन के नुकसान

गोल्ड लोन के बहुत से फायदे होते हैं मगर इसके साथ-साथ गोल्ड लोन के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जैसे-
• गोल्ड लोन लेने के बाद लोन को चुकाना थोड़ा मुश्किल होता हैं।
• गोल्ड लोन की रिपेमेंट के लिए सिर्फ ब्याज का भुगतान किया जाता है जबकि लोन की अवधि के अंत में लोन की पूरी रकम एकसाथ चुकानी होती है। इसलिए लोन की रकम चुकानी मुश्किल होती हैं।
• गोल्ड लोन लेने पर बहुत कम रकम का लोन मिल पाता है।
• खरीदें गये गोल्ड की कीमत लोन की रकम के मुकाबले बहुत अधिक होती है। जबकि लोन बहुत कम रकम का मिल पाता है।
• गोल्ड लोन की अवधि छोटी होती है जिसके कारण लोन चुकाने मे परेशानी हो सकती हैं।

गोल्ड लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें

गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होता है। जिसमें बैंक को कम जोखिम रहता है। मगर ऊधारकर्ता को गोल्ड लोन में कई तरह की बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे-
• किसी जरूरी उद्देश्य को पूरा करने के लिए ही गोल्ड लोन लेना चाहिए। क्योंकि गोल्ड लोन की रिपेमेंट मे बहुत से ऊधारकर्ता चूक कर बैठते हैं।
• गोल्ड लोन लेते समय बैंक या एनबीएफसी की ब्याज दरों की तुलना करनी चाहिए। जो बैंक या एनबीएफसी कम ब्याज दर पर लोन दे वही बैंक चुनना चाहिए।
• गोल्ड लोन रिपेमेंट के लिए चुनी गई ईएमआई में लोन रकम व ब्याज दोनों का भुगतान करना चाहिए।
• कोई छूपा हुआ शुल्क (Hidden Charge) तो नहीं है इसकी जानकारी पहले ही लेनी चाहिए।
• प्री-पेमेंट, लेट पेमेंट शुल्क व अन्य चार्ज के बारे में पहले ही जान लेना चाहिए।
• ज्वैलरी स्वैपिंग व अन्य जोखिमों के बारे मेें बैंक से जान लेना चाहिए।
• लोन की रिपेमेंट ना होने कि स्थिति में कर्जधारक गोल्ड को बेचकर लोन चुका सकता है या नहीं इसके लिए पहले ही सुनिश्चित कर लेना चाहिए।
• गोल्ड लोन की रिपेमेंट हो जाने के बाद आप अपने गोल्ड को वापस ले सकते हैं वही लोन की रिपेमेंट होने पर NOC भी लेनी चाहिए जिसके बाद आपका लोन पूर्ण रूप से बंद हो जाता है।

अस्वीकरण / Disclaimer

उपरोक्त के अनुसार बताई गई दरें, शुल्क, पात्रता मानदंड व अन्य जानकारी बैंक या वित्तीय संस्थान के एकमात्र विवेक पर समय-समय पर परिवर्तन / संशोधन के अधीन है। लोन लेने से पहले वर्तमान दर, शुल्क, पात्रता मानदंड, नियम व शर्त की जानकारी बैंक से जरूर लें।

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