Home Insurance in Hindi: खुद का एक अच्छा घर होना हर किसी का सपना होता हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि अच्छा घर लेने के बाद अच्छे घर की हिफाजत करना भी जरूरी होता हैं।
जी हां केवल अच्छा और सुन्दर घर होना ही काफी नहीं हैं मगर घर की हिफाजत करना उससे भी ज्यादा जरूरी होता हैं। आप सोच रहे होंगे कि घर की हिफाजत कैसे करें।
आप कितनी भी कोशिश कर लें मगर आप सायद ही अपने घर को सुरक्षित रख पाए। क्योंकि बहुत सी ऐसी घटनाएं हैं जो इंसान के वश मे नहीं होती हैं। या कहें कि ये घटनाएं अप्रत्याशित होती हैं। जैसे- भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, चक्रवात आदि ये घटनाएं तो प्राकृतिक होती हैं। मगर इनके अलावा और भी अन्य घटनाएं हैं जो किसी भी इंसान द्वारा घटी जा सकती हैं जैसे- चोरी/सेंधमारी, दंगा, आतंकवाद, आगजनी, तोड़फोड़ आदि। इन सभी घटनाओं से घर को बचाना मुश्किल हो सकता हैं। मगर इन घटनाओं से हुए नुकसान की भरपाई आप होम इंश्योरेंस (घर का बीमा) कराकर कर सकते हैं।
दरअसल होम इंश्योरेंस आपको इन्ही घटनाओं से होने वाली हानि से उभरने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करता हैं।

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होम इंश्योरेंस क्या होता हैं

Home Insurance Kya Hota Hai

बहुत सी घटनाएं आपके घर को क्षति पहुंचा सकती हैं। जैसे भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, चक्रवात आदि। ये कुछ प्राकृतिक आपदाएं हैं जिनकी संभावना हमेशा बनी रहती हैं। मगर कुछ घटनाएं ऐसी भी हैं जिन्हें किसी व्यक्ति द्वारा अंजाम दिया जाता हैं जैसे- चोरी, डकैती, आतंकवाद, आगजनी, दंगा आदि। इन घटनाओं से होने वाले घर के नुक़सान को आर्थिक सहायता देकर पहले जैसा बनाना होम इंश्योरेंस का उद्देश्य होता है। होम इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता हैं कि वह किनती वैल्यू का सम एश्योर्ड (बीमित राशि) रखना चाहता हैं। अधिक सम एश्योर्ड चुनने पर प्रीमियम भी अधिक देना पड़ता हैं।

होम इंश्योरेंस कितने तरह का होता हैं

सामान्य तौर पर Home Insurance तीन प्रकार के हो सकते हैं-

स्ट्रैकचर वैल्यू बीमा

इसमें आप केवल अपने घर के स्ट्रेकचर (दिवार, फर्श, टाइल आदि) को सुरक्षित रखने के लिए बीमा खरीदते हैं। इसमें आप अपने घर के स्ट्रकचर के अलावा ज्यादा चीजों को कवर नहीं कर सकते हैं।

Comprehensive होम इंश्योरेंस

Comprehensive Home Insurance में आपके मकान के स्ट्रैकचर के साथ साथ मकान के अंदर रखें बहुमूल्य सामान को भी कवर किया जाता हैं। किसी भी अप्रत्याशित घटना से घर व घर मे उपस्थित सामान को भी इस बीमा मे कवर किया जाता हैं। जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रोनिक एप्लाइंसेस, ज्वैलरी आदि। इसके साथ कुछ एड आन भी कर सकते हैं।

केवल कंटेंट होम इंश्योरेंस

इसमें घर के स्ट्रैकचर को बीमित नहीं किया जाता हैं बल्कि घर के अंदर की वस्तुओं को बीमित किया जाता हैं। इस तरह के होम इंश्योरेंस पॉलिसी को ज्यादातर किराए पर रहने वाले लोग ही खरीदते हैं।

होम इंश्योरेंस कितने दिनों के लिए होता हैं

ज्यादातर होम इंश्योरेंस कंपनी एक से पांच साल के लिए होम इंश्योरेंस करती हैं। कुछ कंपनियां इस से ज्यादा के लिए भी होम इंश्योरेंस करती हैं। होम इंश्योरेंस की अवधि मकान मालिक भी तय कर सकता है।

होम इंश्योरेंस मे क्या क्या कवर होता हैं

होम इंश्योरेंस खरीदने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आप होम इंश्योरेंस मे किस घटना से हुए नुकसान को कवर कर सकते हैं।

आग से होने वाली हानि

किसी घटना के कारण लगी आग से होने वाली हानि भी होम इंश्योरेंस कवर करती हैं। आग से घर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता हैं इसलिए होम इंश्योरेंस में आग से होने वाली हानि को कवर जरूर करना चाहिए।

भूकंप / भूस्खलन

भूकंप ऐसी आपदा हैं जिसकी संभावना हमेशा बनी रहती हैं। भूकंप व भूस्खलन जैसी आपदाओं से बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता हैं। इन सभी आपदाओं को होम इंश्योरेंस कवर करता हैं।

बाढ़ / चक्रवात

मानसूनी मौसम में अधिक बारिश होने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति भी बन जाती हैं। जिससे काफी नुकसान हो सकता हैं। बाढ़ से हुए नुकसान को भी होम इंश्योरेंस कवर करता हैं।

चोरी / सेंधमारी

चोरी और सेंधमारी को भी नकार नहीं सकता हैं। इससे बहुत ज्यादा नुकसान भी हो सकता हैं। महंगे गहनें व किमती सामान की चोरी हो जाने पर काफी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। इसलिए ऐसी वारदात को भी होम इंश्योरेंस कवर करता हैं।

दंगे या आतंकवादी घटनाएं

दंगों या आतंकवादी घटनाओं के चलते आपके मकान को नुकसान हो सकता हैं। ऐसी घटनाओं से हुए नुकसान को भी होम इंश्योरेंस पॉलिसी मे कवर किया जा सकता हैं।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे लेपलाॅप, एलसीडी स्क्रीन, रेफ्रीजिरेटर आदि को भी होम इंश्योरेंस मे कवर किया जा सकता हैं।

मकान का किराया

यदि आपका मकान किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो गया हैं जिसे दोबारा बनाने के दौरान आप किसी किराए के मकान में रहते हैं तो उसका किराया भी पाॅलिसी में कवर किया जाता हैं।

किस घर के लिए इंश्योरेंस लिया जा सकता हैं

होम इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको पता होना चाहिए कि होम इंश्योरेंस किस घर के लिए लिया जा सकता हैं। कोई भी अपार्टमेंट, फ्लैट, निजी मकान या किराए के घर के लिए भी होम बीमा खरीदा जा सकता हैं।

अपने घर का बीमा

घर के मालिक होने के नाते आपको घर के स्ट्रैकचर को सुरक्षित रखने की चिंता ज़रूर रहती हैं। आप अपने मकान के स्ट्रैकचर को सुरक्षित रखने व घर के अंदर के सामान का भी बीमा करवा सकते हैं। इस तरह के होम बीमा को Comprehensive Home Insurance कहते हैं।

किराये के घर का बीमा

किराये के घर में रहते हुए भले ही मकान आपका ना हों मगर मकान के अंदर रखा सामान तो आपका ही होगा। जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रोनिक एप्लाइंसेस, ज्वैलरी आदि ये सभी चीजें बहुत महंगी भी हो सकती हैं। इसलिए ऐसी किमती चीजों को सुरक्षित रखने के लिए होम इंश्योरेंस कराया जा सकता हैं।

होम इंश्योरेंस कितना प्रीमियम जमा करना होता हैं

होम इंश्योरेंस का प्रीमियम कितना होगा यह कई बातों पर निर्भर करता हैं। जैसे-
आपके होम इंश्योरेंस का कितना सम एश्योर्ड हैं। ज्यादा सम एश्योर्ड होने पर प्रिमियम भी ज्यादा देना पड़ता हैं।
• आप कौन सा होम इंश्योरेंस प्लान लें रहें हैं।
• आप होम इंश्योरेंस प्लान के साथ कोन कौन से एड आन सामिल करना चाहते हैं।
• आपका मकान कैसे इलाके में है जैसे अगर आपके इलाके में दंगे, चोरी, आतंकवाद जैसी घटनाएं ज्यादा घटित होती हैं तो आपको होम इंश्योरेंस का अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता हैं।
• भौगोलिक स्थिति भी होम इंश्योरेंस के प्रीमियम को प्रभावित करती हैं। जिस इलाके में भौगोलिक स्थिति के कारण अधिक नुकसान की संभावना रहती हैं तो ऐसे मे अधिक प्रीमियम देना पड़ता हैं। जैसे अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना अधिक होती हैं और बिना बांध वाले क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना अधिक होती हैं तो ऐसे क्षेत्रों मे होम इंश्योरेंस का प्रीमियम अधिक हो सकता हैं।
• अधिकतर सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवादी घटनाएं होती हैं तो ऐसे क्षेत्रों में भी होम इंश्योरेंस का अधिक प्रीमियम देना पड़ता हैं।
• मकान में अच्छे सुरक्षा उपकरण होने पर प्रीमियम भी कम देना पड़ता हैं वही मकान में कोई सुरक्षा उपकरण नहीं है तो प्रीमियम राशि अधिक होती हैं।
• आपके मकान में कितना किमती सामान हैं यह भी प्रीमियम को प्रभावित करती हैं। महंगे सामान को होम इंश्योरेंस मे कवर करने पर प्रीमियम भी ज्यादा होता हैं।
औसतन देखा जाए तो आपको 30 से 40 लाख का सम एश्योर्ड चुनने पर लगभग 5 से 6 हजार रूपए प्रीमियम जमा करना होगा।

सम एश्योर्ड (बीमित राशि) कितनी हो सकती हैं

सम एश्योर्ड आपके मकान व मकान के अंदर उपस्थित चीजों की लागत के हिसाब से चुना जा सकता हैं। इंस्योरेंस कंपनी भी कई चीजों का आंकलन करने के बाद ही इंसोरेंस का सम एश्योर्ड तय करतीं हैं।

मकान का क्षेत्रफल

जाहिर सी बात है कि बड़े मकान के लिए बड़ी राशि का सम एश्योर्ड होगा। और कम एरिया में बनें मकान के लिए कम सम एश्योर्ड ही तय होता हैं।

घर बनाने की लागत:

मकान के कंस्ट्रक्शन की लागत भी सम एश्योर्ड को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इंस्योरेंस कंपनी होम इंश्योरेंस पॉलिसी देने से पहले मकान के कंस्ट्रक्शन की पूरी जांच करती हैं। यदि घर का कंस्ट्रक्शन सही ढंग से किया गया हैं तो सम एश्योर्ड की राशि ज्यादा चुनी जा सकती हैं।

मकान की उम्र

नये घर का बीमा कराने पर सम एश्योर्ड ज्यादा भी चुना जा सकता हैं। वही पुराने मकान के बीमा कराने पर कम सम एश्योर्ड ही मिलता हैं। मकान की उम्र बढ़ने के साथ हर साल लगभग 2 प्रतिशत सम एश्योर्ड वैल्यू कम होती जाती हैं।

कंटेंट वैल्यू

आप जिन भी कीमती सामान को होम इंश्योरेंस मे सामिल करतें हैं उनकी वैल्यू कितनी हैं ये भी होम इंश्योरेंस के सम एश्योर्ड को प्रभावित करता हैं। आप कुल सम एश्योर्ड का 20 से 30 प्रतिशत तक अपने कीमती सामान को कवर कर सकते हैं।

होम इंश्योरेंस के फायदें

होम इंश्योरेंस कराने पर बहुत से फायदे हो सकते हैं। जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए।
• किसी भी अप्रत्याशित घटना से आप निश्चिंत हो जाते हैं।
• होम इंश्योरेंस कवर आपको सुरक्षा प्रदान करता हैं।
• किसी भी अप्रत्याशित घटना से हुए नुकसान से उभरने के लिए आर्थिक मदद मिलती हैं।
• घर के साथ साथ कीमती सामान को भी सुरक्षित प्रदान करता हैं।
• यदि घर के स्ट्रैकचर को कोई हानि होती हैं जिसको दोबारा बनाने के दौरान आप कहीं दूसरी जगह रहते हैं तो उसका किराया भी होम इंश्योरेंस मे कवर होता हैं।

होम बीमा लेते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए

होम इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिससे आपको अच्छी व कम प्रीमियम मे पाॅलिसी मिल सकें।
• पाॅलिसी लेने से पहले आप कई होम इंश्योरेंस करने वाली कंपनीयों की तुलना कर सकते हैं। जहां आपको अपने हिसाब से अच्छी पाॅलिसी मिलें वहीं से इंस्योरेंस कराएं
• यदि आपने पहले कोई पाॅलिसी लें रखी हैं तो उसी कंपनी से होम इंश्योरेंस कराने पर आपको होम इंश्योरेंस प्रिमियम में छूट मिल सकती हैं।
• अपनी सभी जरूरी चीजों को होम इंश्योरेंस पॉलिसी में ऐड आन करके कवर कराए।
• बेवजह पाॅलिसी मे एड आन ना जोड़े क्योंकि ऐसा करने से आपको अधिक प्रिमियम देना पड़ सकता हैं।
• पाॅलिसी के नियम व शर्तों को जरूर समझ लेना चाहिए।
• पाॅलिसी के क्लेम प्रोसेस को भी ज़रूर समझ लेना चाहिए। जिससे भविष्य में क्लेम लेने पर कोई दिक्कत ना हों।

होम इंश्योरेंस क्लेम के लिए जरूरी बातें

बहुत से लोग इंसोरेंस के क्लेम को बहुत मुश्किल मानते हैं। मगर इंसोरेंस का क्लेम करना इतना मुश्किल नहीं होता हैं। बस आपको इसके प्रोसेस के बारे में अच्छी तरह पता होना चाहिए। आपको कोई भी घटना होने पर कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे-
• कोई भी अप्रत्याशित घटना होने पर सबसे पहले इंसोरेंस कंपनी को सूचना देनी चाहिए।
• जब भी आपके घर मे कोई ऐसी गतिविधियां होती हैं जिससे होने वाला नुकसान होम इंश्योरेंस के अधीन हैं तो आप उसका विडीयो या फोटो जरूर लेना चाहिए।
• ऐसे सबूतों को संभालकर रखिए जो उस घटना से जुड़े हो जिसे आप क्लेम करना चाहते हैं।
• आप जान बूझकर कोई भी लापरवाही ना करें ऐसा करने पर आपको क्लेम मिलना मुश्किल हो सकता हैं।
• बीमा खरीदते समय बीमा कंपनी से भी क्लेम प्रक्रिया के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।

होम इंश्योरेंस में क्या क्या कवर नहीं होता हैं

अधिकतर होम इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड कवरेज देती हैं। जिसके तहत कुछ स्थिति में होम इंश्योरेंस कवर नहीं करता हैं। जैसे-

युद्ध से हुएं नुकसान

युद्ध या विदेशी आक्रमण के कारण घर को नुकसान होने की स्थिति में होम इंश्योरेंस कवर नहीं करता हैं। नुकसान अपने देश की सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई में भी हो सकता हैं।

पुराना सामान

होम इंश्योरेंस में ज्यादा पुराने सामान को कवर नहीं किया जाता हैं। कुछ होम इंश्योरेंस कंपनियां 10 साल से अधिक पुराने सामान को कवर नहीं करते हैं।

सामान्य टूट फूट या मेंटिनेंस

मकान में सामान्य टूट फूट के कारण मेंटिनेंस की आवश्यकता पड़ती रहती हैं। ऐसे टूट फूट व मेंटिनेंस के खर्चों को होम इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता हैं।

निर्माणाधीन घर

होम इंश्योरेंस उस मकान का होता हैं जिसमें आप रह रहे हैं ना कि जिसमें निर्माण का कार्य हो रहा हैं या निर्माण कार्य रूका हुआ हैं। निर्माणाधीन घर के लिए बीमा नही लिया जा सकता हैं।

जमीन की कीमत

जिस जमीन पर घर बना हुआ हैं। उस जमीन की कीमत को होम इंश्योरेंस मे कवर नहीं किया जाता हैं। यह केवल घर के स्ट्रैकचर व घर में रखें सामान को ही कवर करता हैं।

जानबूझकर किया गया नुकसान

होम इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देने से पहले सुनिश्चित करती हैं कि नुकसान कवर की जाने वाली घटना से हुआ हैं या जानबूझ कर किया गया हैं। यदि नुकसान जानबूझकर किया गया हैं तो ऐसे नुकसान को होम इंश्योरेंस कवर नहीं करता हैं।

होम इंश्योरेंस करने वाली कंपनियां

• SBI General Home Insurance
• Cholamandalam Home Insurance
• Bharti AXA Home Insurance
• Bajaj Allianz Home Insurance
• IFFCO Tokio Home Insurance
• National Insurance Home Insurance
• New India Assurance Home Insurance
• Oriental Home Insurance
• Reliance Home Insurance
• Royal Sundaram Home Insurance
इनके अलावा और भी बहुत सी कंपनी हैं जो होम इंश्योरेंस प्रोवाइड करतीं हैं। भारत में होम इंश्योरेंस कानूनी तौर पर ज़रूरी नहीं है। इसलिए भारत में लोग घर का बीमा कराने मे ज्यादा रूचि नहीं रखते हैं। वैसे भारत में होम इंश्योरेंस ज्यादा महंगा नहीं पड़ता हैं। इसलिए आप चाहें तो अपने घर का बीमा कराकर अपने घर व सामान को सुरक्षित रख सकते हैं।

उम्मीद हैं कि आपको होम इंश्योरेंस के बारे में उपयोगी जानकारी मिली होगी। जैसे- होम इंश्योरेंस क्या होता हैं, होम इंश्योरेंस का प्रीमियम किन बातों पर निर्भर करता हैं, होम इंश्योरेंस के फायदे व होम इंश्योरेंस लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हैं और इसमें बताई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी हैं तो आप इसे शेयर करना ना भूलें।
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