निधि फाइनेंस कंपनी: आपने निधि कंपनी के बारे में जरूर सुना होगा। मगर आप नहीं जानते कि निधि कंपनी क्या होती हैं। यदि आपको निधि कंपनी के बारे में जानकारी नहीं है तो हम आपको निधि कंपनी के बारे में सारी जानकारी देने वाले हैं। जैसे निधि कंपनी क्या हैं, निधि कंपनी के क्या कार्य होते हैं, निधि कंपनी के नियम व शर्ते क्या हैं। इनके अलावा और भी बहुत सी जानकारी जो हम आपको बताएंगे। इसके लिए बस आपको इस पोस्ट को पूरा पढ़ना है।
निधि फाइनेंस कंपनी क्या हैं?
निधि फाइनेंस कंपनी एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) ही होती हैं। मगर इसके कार्य व नियम NBFC से कुछ अलग होते हैं। निधि कंपनी कुछ मेंबरों से मिलकर बनी हुई वित्तीय संस्थान होती हैं। इसके जुड़ने वाले सभी मेंबर वित्तीय लेनदेन कर सकते हैं। व जरूरत के समय निधि कंपनी से लोन भी ले सकते हैं। निधि में पैसे जमा करने पर ब्याज भी मिलता हैं जो बैंक की तुलना में थोड़ा अधिक होता हैं। निधि मे पैसे जमा करने वाला व निधि कंपनी से उधार लेने वाला दोनों ही निधि के मेंबर होते हैं। निधि से जुड़े बगैर जमा या ऊधारी नहीं की जा सकती हैं।
निधि फाइनेंस कंपनी का उद्देश्य
निधि फाइनेंस कंपनी बनाने का उद्देश्य लोगों को बचत करने के लिए प्रेरित करना है। बजत की महत्व को समझाना और बचत का प्रयोग करना निधि के मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ लोगों की वित्तीय जरूरत को पूरा करके उनके जीवन को आसान बनाती हैं।
निधि फाइनेंस कंपनी के कार्य
निधि फाइनेंस कंपनी के कार्य बैंक की तरह ही होते हैं। जैसे बैंक से वित्तीय लेनदेन करने के पहले बैंक मे खाता खुलवाने की जरूरत होती है। वैसे ही निधि कंपनी से वित्तीय लेनदेन के लिए निधि कंपनी से सदस्यता लेनी पड़ती है। सदस्यता लेने के बाद इसमें पैसे की जमा व निकासी की जा सकती हैं। जरूरत पड़ने पर निधि का कोई भी सदस्य अपने लिए लोन भी लें सकता हैं। मगर निधि कंपनी अपने सदस्यों को चेक, ड्राफ्ट, एटीएम कार्ड आदि सुविधाएं नहीं दे सकती।
निधि फाइनेंस कंपनी के नियम क्या होते हैं?
निधि फाइनेंस कंपनी के बहुत से नियम व शर्ते होती हैं जो निधि कंपनी को विशेष प्रकार की वित्तीय संस्थान का रूप देते हैं।
• कंपनी नियम 2013 व 2014 मे बने निधि नियमों का पालन करना अनिवार्य होता हैं।
• निधि कंपनी की सदस्यता लेने के लिए कम से कम 18 वर्ष उम्र होनी चाहिए।
• निधि कंपनी से पैसे का लेन-देन केवल इसका सदस्य ही कर सकता है।
• RBI द्वारा NBFC व बैंकों के लिए बनाई गई गाइडलाइंस निधि फाइनेंस कंपनी पर लागू नहीं होती हैं।
• कोई भी निधि कंपनी प्राईवेट कंपनी नही हो सकती। यह केवल एक पब्लिक कंपनी ही हो सकती हैं।
• निधि कंपनी के नाम के अंत में ‘निधि कंपनी‘ शब्द होना जरूरी है।
• निधि कंपनी, कंपनीज एक्ट के तहत रजिस्टडर्ड होती है। इसका मतलब जो नियम कंपनी के लिए हैं वही नियम निधि कंपनी पर भी लागू होते हैं।
• एक निधि कंपनी अपने सदस्यों से ज्यादा रकम जमा करने का विज्ञापन नहीं दे सकती।
• निधि कंपनी को रकम जमा करना, रकम की निकासी, उधार देने जैसी गतिविधियों को चालू रखना होगा।
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निधि फाइनेंस कंपनी से कैसे जुड़े
निधि फाइनेंस कंपनी से जुड़ने के लिए आप निधि कंपनी के कार्यालय जाकर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए आपको कुछ राशि को सिक्योरिटी के तौर पर जमा करना होता हैं। एक बार पंजीकरण के बाद आप निधि कंपनी के सदस्य बन जाते हैं और अपने पैसे को निधि मे जमा और निकासी व अन्य गतिविधियों मे भाग ले सकते हैं। आपके द्वारा जमा की गई सिक्योरिटी राशि अपनी सदस्यता वापिस लेने पर आपको लोटा दी जाती हैं।
निधि फाइनेंस कंपनी की ब्याज दर कितनी होती हैं
• निधि कंपनी RD व FD पर 12.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दे सकती हैं।
• बचत खाते पर 6-7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दे सकती हैं।
• निधि कंपनी से लोन लेने पर करीब 10- 14 प्रतिशत ब्याज हो सकता हैं।
निधि फाइनेंस कंपनी से लोन कैसे लें?
निधि कंपनी से लोन लेने के लिए पहले आपको निधि कंपनी का सदस्य बनना होगा। इसके बाद आप अपनी बचत राशि, निधि कंपनी मे जमा कर सकते हैं। जिसपर आपको ब्याज मिलता हैं। इसके साथ ही आप लोन भी ले सकते हैं।
• निधि कंपनी केवल सिक्योर्ड लोन ही देती हैं। इसके लिए आपको अपनी कोई प्राॅपर्टी गिरवी रखने की आवश्यकता होती है।
• निधि से लोन लेने के लिए फार्म भरकर कार्यालय मे जमा कर सकते है।
• निधि कंपनी से लोन एक सीमित राशि तक ही मिलता हैं। जो कंपनी की कुल डिपॉजिट के अनुसार तय होता हैं।
निधि फाइनेंस कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए पात्रता
• कंपनी का नाम एकदम नया होना चाहिए। किसी अन्य कंपनी के नाम से मिलता जुलता नहीं होना चाहिए। कंपनी के नाम के बाद ‘निधि कंपनी‘ जुड़ा होना चाहिए।
• एक सार्वजनिक फाइनेंस लिमिटेड कंपनी शुरू करने के लिए कंपनी से कम से कम सात सदस्य व तीन डायरेक्टर होने चाहिए।
• कंपनी के पास कुल मिलाकर पांच लाख रुपए का निवेश होना चाहिए।
• डायरेक्टर के लिए डिजिटल सिग्नेचर होना चाहिए।
• कंपनी के नाम बैंक में अकाउंट होना चाहिए।
निधि फाइनेंस कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यकता दस्तावेज
• डायरेक्टर के लिए डिजिटल सिग्नेचर
• पेनकार्ड
• GST Number
• बैंक अकाउंट
• अड्रेस प्रूफ
• बैंक स्टेटमेंट
• Residence Proof के लिए बिजली बिल, टेलीफोन बिल आदि
निधि फाइनेंस कंपनी कैसे रजिस्ट्रर्ड कराएं
• DIN (Director Identification Number) व Digital Signature के आवेदन के लिए Ministry Of Corporate Affairs (MCA) की आफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
• कंपनी का नाम दर्ज कराने के लिए INC फार्म 1 भरकर आवेदन करना होगा।
• कंपनी के उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए Memorandum Of Association (MOA) व Article Of Association (AOI) भी बनवाया जाता हैं।
• इनकाॅरपोरेशन के लिए फाइलिंग, एक सिंगल एप्लीकेशन (स्पाइस- 32) कंपनी के इनकाॅर्पोरेशन के लिए दायर किया जाता है। इसकी मंजूरी के बाद कंपनी को लाइसेंस मिल जाता हैं।
निधि फाइनेंस कंपनी का दर्जा पाने के लिए पात्रता
एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी को निधि फाइनेंस कंपनी का रूप देने के लिए कुछ नियम व शर्ते हैं। जिन्हें पूरा करने के बाद ही आरओसी के समक्ष एक आवेदन दायर किया जाता है। जिसके बाद कंपनी को निधि फाइनेंस कंपनी का दर्जा मिल जाता हैं।
• एक साल के अंतर्गत कम से कम 200 सदस्य कंपनी से जुड़ने चाहिए।
• एक वर्ष के भीतर कंपनी के पास 10 लाख रूपए फंड के रूप में हो जाने चाहिए।
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निधि फाइनेंस कंपनी के फायदें
निधि कंपनी के बहुत से फायदे होते हैं। इससे एक ग्राहक के लिए अलग व एक मालिक के लिए अलग अलग फायदे हैं
एक ग्राहक के तौर पर फायदे
• निधि की सदस्यता लेना बहुत सरल होता हैं।
• निधि कंपनी में पैसे जमा करना बहुत आसान है।
• जमा राशि पर ब्याज, बैंक की तुलना में ज्यादा मिलता हैं।
• खाते मे न्यूनतम राशि जमा रहने पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।
• निधि कंपनी से लोन बड़ी ही आसानी से मिल जाता हैं। जबकि बैंक या एनबीएफसी से लोन लेना थोडा मुश्किल होता हैं।
• एक छोटे क्षेत्र मे बनी निधि कंपनी से अच्छे संबंध बन जाते हैं। जिससे वह अच्छी सुविधा प्रदान कर सकती हैं।
मालिक के तौर पर फायदें
• निधि कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना आसान होता हैं।
• बहुत कम निवेश में ही निधि फाइनेंस कंपनी बनाई जा सकती हैं।
• निधि कंपनी को शुरू करने के लिए शुरूआती रकम 10 लाख रुपए की आवश्यकता होती है। जब एनबीएफसी के लिए बहुत ज्यादा रकम की आवश्यकता होती हैं।
• इसके लिए RBI से मान्यता की आवश्यकता नहीं होती हैं। जिसके कारण रजिस्ट्रेशन मे काफी रकम की बजत हो जाती हैं।
• एक लोकल क्षेत्र मे काम करने के कारण देखभाल व सुविधाओं को ग्राहक तक पहुंचाना आसान रहता है।
• निधि से ऋण लेने वाले व्यक्ति निधि के अपने सदस्य ही होते हैं जिनसे लोन चुकाने में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका बहुत कम रहती हैं।
• निधि से केवल सिक्योर्ड लोन ही प्रदान किया जाता है जिसके कारण लोन देने में कम रिस्क रहता है।
• निधि कंपनी को लोन पर, जमा राशि के ब्याज दर की तुलना में 7.5 प्रतिशत फायदा मिल सकता हैं।
निधि फाइनेंस कंपनी की सीमाएं
निधि कंपनी की कुछ सीमाएं भी होती हैं। जिनके दायरे में रहते हुए ही वह कार्यरत रह सकती हैं।
• निधि कंपनी अपने सदस्यों को बड़ी रकम जमा करना या उधार लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकती हैं।
• चिट फंड, हाॅयर परचेस फाइनेंस, लीजिंग फाइनेंस, इंश्योरेंस या सिक्योरिटी बिजनेस आदि गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकती।
• अपने सदस्यों के अलावा किसी अन्य से पैसा ना तो लें सकती है और ना ही किसी को दे सकती हैं।
• उधार जैसी सुविधाएं केवल अपने सदस्यों के लिए ही दे सकती हैं।
• निधि कंपनी केवल सिक्योर्ड ऋण ही दे सकती हैं।
• निधि कंपनी Current Account नही खोल सकती।
• सदस्यों से लिए गए पैसे को किसी अन्य कमाई के सोर्स में नहीं लगा सकती है।
• निधि कंपनी का सदस्य कोई भी व्यक्ति बन सकता है। इसका सदस्य कोई कंपनी, फर्म, संस्थान नही हो सकती हैं।
• कंपनी किसी सदस्य को अधिकतम लोन अपने कुल डिपॉजिट के अनुसार ही दें सकती हैं।
निधि कंपनी, बैंक व एनबीएफसी से कितना अलग है
निधि कंपनी का काम भी फाइनेंस से संबंधित होता हैं। फिर भी निधि फाइनेंस कंपनी, बैंक व एनबीएफसी से बहुत अलग होती हैं।
सेवाएं | Nidhi Company | NBFC | Bank |
शुरुआती रकम | कम से कम 10 लाख रुपए | कम से कम 2 करोड रूपए | कम से कम 100 करोड़ रुपए (लगभग) |
लोन किसे दे सकती हैं | केवल अपने सदस्यों को | किसी को भी | किसी को भी |
लोन का प्रकार | केवल सिक्योर्ड लोन | सिक्योर्ड व अनसिक्योर्ड लोन | सिक्योर्ड व अनसिक्योर्ड लोन |
लोन देने की अधिकतम राशि | कंपनी की कुल जमा राशि के अनुसार | ग्राहक के अनुसार तय होती हैं | ग्राहक के अनुसार तय होती हैं |
बचत खाता | हां | हां | हां |
चालू खाता | नहीं | हां | हां |
जमा राशि पर ब्याज दर | 6 प्रतिशत | 4-5 प्रतिशत | 4-5 प्रतिशत |
लोन पर ब्याज दर | 12 से 14 प्रतिशत | 12 से 35 प्रतिशत | 8 से 18 प्रतिशत |
RBI Guidelines | लागू नहीं होती | लागू होती हैं | लागू होती हैं |
जमा राशि का निवेश | केवल अपने सदस्यों को उधार देने में | किसी भी जगह निवेश कर सकती हैं | किसी भी जगह निवेश कर सकती हैं |
क्रेडिट व डेबिट कार्ड | नही | हां | हां |
निधि फाइनेंस कंपनी सावधानियां
• निधि फाइनेंस कंपनी मे निवेश करने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आप जिस निधि कंपनी का सदस्य बनने जा रहे हैं। वह MCA द्वारा रजिस्ट्रर्ड हैं। और वह Ministry Of Corporate Affairs (MCA) द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करती हैं या नहीं।
• छोटे इलाके में बनी हुई कमेंटी जो अपने आप को निधि कंपनी बताते हैं ऐसे कमेंटी मे पैसा लगाने से पहले उसकी Legal जांच कर लें इसके बाद ही पैसा निवेश करें।
• निधि फाइनेंस कंपनी में आप मोटी रकम निवेश करने से बचें।
ये कुछ सामान्य जानकारी है जो आपको निधि फाइनेंस कंपनी के बारे में बहुत कुछ समझा सकती हैं। इस पोस्ट में हमनें निधि कंपनी के बारे काफी कुछ बताया है जैसे निधि कंपनी क्या है, निधि कंपनी के उद्देश्य क्या होते हैं, निधि कंपनी के फायदे क्या हैं व निधि कंपनी के नियम क्या है। इसके अलावा और भी जानकारी बताई गई है जो निधि कंपनी से जुड़ी है।
उम्मीद करते हैं आप निधि कंपनी के बारे में जान चुके होंगे। आपको ये जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
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