Peer to Peer Lending एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां बिना बैंक जाए आसानी से लोन मिल सकता है। जानिए यह कैसे काम करता है, कितनी रकम मिलती है और इसकी ब्याज दर और फायदे क्या क्या हैं।

आज के समय में हर किसी के पास इतने पैसे नहीं होते कि वह अपने सारे काम खुद के पैसों से कर सकें। जब पैसों की ज़रूरत होती है, तो सबसे पहले दिमाग में लोन लेने का ख्याल आता है। आजकल बहुत सी नाॅन बैंकिंग कंपनियां और प्लेटफॉर्म लोन देने का काम कर रहे हैं। मगर इनसे लोन लेने थोडा मुश्किल होता हैं। इसी को ध्यान में रखकर आप Peer To Peer Lending प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं।
Peer to Peer Lending (P2P Lending) भी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां लोन लेने वाले और लोन देने वाले दोनों मौजूद होते हैं। यहां पर दोनों को आपस में जोड़कर लोन की प्रक्रिया आसान बना दी जाती है। लोन देने वाला और लोन लेने वाले व्यक्तियों को जोड़ने का कार्य पीयर टू पीयर प्लेटफार्म ही करता हैं।
Peer to Peer Lending Platform क्या होता है?
बहुत सी फिनटेक कंपनियां, जहां से कोई भी व्यक्ति लोन ले या दे सकता है। इसके लिए RBI से लाइसेंस लेना जरूरी होता है। P2P लेंडिंग में बैंक की तरह लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता, क्योंकि यहां लोन सीधा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को दिया जाता है।
P2P प्लेटफार्म कैसे काम करता हैं?
P2P एक ऐसा प्लेटफार्म हैं जहां लोन लिया जाता हैं और लोन दिया भी जाता हैं। यानी पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफार्म लोन देने वाला और लोन लेने वाले व्यक्ति को ही मिलाने का कार्य करता हैं। इसमें दोनों को ही रजिस्टर्ड होना आवश्यक होता हैं। अपनी जरूरत के अनुसार लोन ले सकते हैं, और अपनी क्षमता के अनुसार अपना पैसा बॉरोअर को लोन के रूप में दे भी सकते हैं। हालांकि पी टू पी प्लेटफार्म आपके पैसे को किसी एक व्यक्ति को न देकर कई छोटे छोटे बॉरोअर में बांट देता है जिससे जोखिम कम हो जाता हैं।
P2P लेंडिंग से कितना लोन मिल सकता है?
यहां लोन की रकम लोन देने वाला और लेने वाला आपसी सहमति से तय करते हैं। RBI की गाइडलाइन के अनुसार ही सारा काम किया जाता हैं। इससे अपनी जरूरत के मुताबिक लोन लिया जा सकता हैं।
लोन मिलने में कितना समय लगता है?
P2P प्लेटफॉर्म पर लोन बहुत जल्दी मिल जाता है। केवल 24 से 48 घंटे में लोन प्रोसेस होकर खाते में आ जाता है। जबकि बैंक में यही काम एक हफ्ते या उससे ज्यादा समय ले सकता है।
लोन की अवधि कितनी होती है?
यहां पर लोन की अवधि 3 महीने से लेकर 36 महीने (3 साल) तक की होती है। बैंक के मुकाबले यह समय थोड़ा कम होता है।
ब्याज और प्रोसेसिंग फीस कितनी लगती है?
यहां ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस दोनों ही कम होती हैं। लोन पर लगने वाला ब्याज दोनों पक्षों की सहमति से तय होता हैं ब्याज दर अक्सर 8% से 30% तक हो सकती हैं। साथ ही प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट फीस, ईएमआई बाउंस फीस आदि भी लागू किए जा सकते हैं।
ब्याज दरें लोन लेने वाले व्यक्ति के अनुसार अलग हो सकती हैं।
P2P से लोन लेने के लिए जरूरी दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक स्टेटमेंट
- इनकम प्रूफ (अगर हो)
- मोबाइल वेरिफिकेशन
सारे डॉक्युमेंट ऑनलाइन स्कैन करके अपलोड किए जा सकते हैं। फिजिकल डॉक्युमेंट देने की जरूरत नहीं होती।
P2P लेंडिंग के फायदे:
लोन जल्दी मिलता है
बैंक या एनबीएफसी की लोन प्रक्रिया लंबी होती हैं जबकि पी टू पी प्लेटफार्म पर लोन की प्रक्रिया तेज होती हैं जिससे तुरंत लोन प्राप्त किया जा सकता हैं।
कम क्रेडिट स्कोर वालों को भी लोन मिल सकता है
लेंडर के अनुसार आपको कम क्रेडिट स्कोर होने पर भी लोन दिया जा सकता हैं हालांकि इसके लिए प्रोसेसिंग फीस व ब्याज दर ज्यादा हो सकती हैं।
कम ब्याज दर पर लोन
P2P के जरिए आप कम ब्याज दर पर भी लोन पा सकते हैं। इसके लिए आपका क्रेडिट इतिहास अच्छा होना चाहिए। आप सीधे बॉरोअर से बात करके ब्याज दर मे छूट भी करा सकते हैं।
कम प्रोसेसिंग फीस
बैंकों की लंबी लोन प्रक्रिया के दौरान प्रोसेसिंग फीस भी काफी ज्यादा लागू की जाती हैं, जबकि यहां प्रोसेसिंग फीस की दरें अमूमन कम तय की जा सकती हैं।
प्री-क्लोजर चार्ज नहीं लगता
बहुत से लेंडर प्री पेमेंट के लिए चार्ज मुक्त सुविधा भी देते हैं जबकि कुछ लेंडर इसके लिए शुल्क भी लागू कर सकते हैं।
P2P लेंडिंग लाइसेंस कैसे मिलता है?
यदि आप खुद का P2P प्लेटफॉर्म शुरू करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको RBI से लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए RBI की वेबसाइट से फार्म डाउनलोड करें और जरूरी दस्तावेजों के साथ फॉर्म जमा करें। जांच के बाद RBI आपको लाइसेंस जारी कर देता है।
Peer To Peer लोन कैसे ले?
आजकल बहुत से ऐसे प्लेटफार्म हैं जहां से आप आसानी Peer To Peer लोन ले सकते हैं। जैसे Cred, Bharatpe, MobiKwik आदि।
- लोन लेने के लिए सबसे पहले आपको रजिस्टर करना हैं।
- सभी जरूरी वेरिफिकेशन को पूरा करना हैं।
- P2P प्लेटफार्म आपके क्रेडिट इतिहास की जांच करता हैं।
- लेंडर के पास आपकी प्रोफाइल जाती हैं व आपको भी बॉरोअर के बारे में जानकारी साझा की जाती हैं।
- जिसे परखने के बाद आपसी सहमति और आपकी पात्रता के अनुसार लोन की रकम तय की जाती हैं।
- अप्रुवल के बाद लोन की रकम आपके अकाउंट में आ जाती हैं।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या P2P लोन सुरक्षित है?
हाँ, क्योंकि यह RBI द्वारा नियंत्रित होता है, इसलिए यह सुरक्षित माना जाता है।
Q2. क्या कम क्रेडिट स्कोर पर लोन मिल सकता है?
हाँ, कई मामलों में कम स्कोर होने पर भी लोन मिल जाता है, लेकिन ब्याज दर थोड़ी ज्यादा हो सकती है।
Q3. क्या इसके लिए बैंक गारंटी जरूरी है?
नहीं, यहां बैंक गारंटी की जरूरत नहीं होती। यह प्लेटफॉर्म व्यक्तियों के बीच लोन ट्रांजैक्शन करता है।
Q4. क्या इसमें कोई छिपा हुआ चार्ज होता है?
नहीं, ज्यादातर प्लेटफॉर्म ट्रांसपेरेंट होते हैं और सभी चार्ज पहले ही बता दिए जाते हैं।
Q5. क्या सैलरीड और सेल्फ-एम्प्लॉइड दोनों लोग लोन ले सकते हैं?
हाँ, दोनों ही वर्ग के लोग P2P प्लेटफॉर्म से लोन ले सकते हैं।
निष्कर्ष:
Peer to Peer Lending Platform एक आधुनिक तरीका है, जिससे आप बिना बैंक के झंझट के, कम समय में लोन प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप आसानी से और कम ब्याज पर लोन लेना चाहते हैं, तो यह आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
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