लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी: आप अपनी प्रॉपर्टी पर लोन लेना चाहते हैं। मगर आपको इसकी जानकारी नहीं है कि प्रॉपर्टी पर लोन कैसे लिया जाता है। या प्रॉपर्टी पर लोन लेने की प्रक्रिया क्या है। हम आपको इस आर्टिकल मे लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (Loan Against Property) या प्रॉपर्टी लोन के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
भारत मे प्रॉपर्टी लोन को काफी पसंद किया जाता है। क्योंकि यह एक सिक्योर्ड लोन होने के कारण आसानी से मिल जाता हैं व इसकी ब्याज दर भी कम होती है। इसकी ब्याज दर, पात्रता, जरूरी दस्तावेजों के बारे में आप इसी आर्टिकल मे जान पाएंगे।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी या प्रॉपर्टी लोन क्या है
आपको पता होगा कि जब बैंक से लोन लिया जाता हैं तो बैंक लोन की रिपेमेंट के लिए गारंटी मांगता है। खासकर सिक्योर्ड लोन में बैंक सिक्योरिटी के बाद ही लोन मुहैया करता है। सिक्योरिटी के तौर पर कोई प्राॅपर्टी, कार, ज्वैलरी, घर, बांड आदि हो सकती है।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी को मॉरगेज लोन भी कहा जाता हैं। प्राॅपर्टी लोन के लिए प्राॅपर्टी को सिक्योरिटी के तौर पर रखा जाता हैं।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (Loan Against Property) एक सिक्योर्ड लोन है जो घर, फ्लैट/अपार्टमेंट, ऑफिस या दुकान, प्लाट जैसे आवासीय या कमर्शियल प्रॉपर्टी पर दिया जाता है। प्रॉपर्टी सिक्योरिटी के रूप में उपयोग की जाती है। प्रॉपर्टी मालिकाना हक के साथ स्पष्ट रूप से बिक्री योग्य होनी चाहिए। लोन ना चुका पाने की स्थिति में बैंक गिरवी रखी गई प्राॅपर्टी को बेचकर लोन की भरपाई कर सकता है।
प्राॅपर्टी की वैल्यू के हिसाब से तय होता है कि लोन की रकम कितनी हो सकती है।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी इंटरेस्ट रेट
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए ब्याज दर सामान्यतः रेपो रेट व बैंकों पर निर्भर करती है। बैंकों की ब्याज दर अलग अलग हो सकती है। फिर भी सामान्य तौर पर प्रॉपर्टी लोन की ब्याज दर हो सकती है-
50 लाख रुपए तक के लोन के लिए
रेपो रेट + 5%= 9%
एक करोड़ रुपए तक के लोन के लिए
रेपो रेट + 4.95= 8.95%
एक करोड़ से अधिक लोन के लिए
रेपो रेट + 4.90= 8.90%
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए ब्याज दर बैंक पर भी निर्भर करती है। कुछ बैंको की ब्याज दर 8 से 15 प्रतिशत तक भी हो सकती हैं। जबकि एनबीएफसी की ब्याज इससे भी ज्यादा हो सकती है।
लोन की ब्याज दर प्रभावित हो सकती है-
प्राॅपर्टी के प्रकार (Resident Or Commercial),
लोन की रकम
लोन की अवधि
आवेदनकर्ता की मासिक आय
आवेदनकर्ता की उम्र
रिपेमेंट क्षमता
सिबिल स्कोर
महिलाओं के लिए ब्याज दर में छूट मिलती है।
सिबिल स्कोर आदि से ब्याज दर प्रभावित हो सकती हैं।
प्रॉपर्टी लोन प्रोसेसिंग फीस (Processing Fee)
बहुत से बैंक प्राॅपर्टी लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं जबकि कुछ बैंक प्रोसेसिंग फीस के बिना भी लोन दे सकते हैं। अधिकतर बैंक प्राॅपर्टी लोन के लिए 1 से 1.5 प्रतिशत प्रोसेसिंग फीस वसूलते है। प्रोसेसिंग फीस का भुगतान सिर्फ एक बार किया जाता है। लोन लेते समय प्रोसेसिंग फीस बैंक लेता है या लोन की रकम से भी प्रोसेसिंग फीस का भुगतान किया जा सकता है।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी अन्य शुल्क
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए बैंक सिर्फ प्रोसेसिंग फीस ही नहीं बल्कि और भी कई तरह के शुल्क (Charge) लगाता है जैसे-
Property Inspection Charge
जब बैंक आपकी प्रॉपर्टी की जांच करता है तो उसके लिए भी कुछ शुल्क वसूलता है। इसमें आपकी प्रॉपर्टी का दौरा भी किया जाता है। इसमें आए ख़र्च को पूरा करने के लिए बैंक Property Inspection Charge लेता है।
Legal Opinion Or Valuation Charge
Property Inspection के बाद बैंक आपकी प्रॉपर्टी की कानूनी जांच कराता है जिसमें देखा जाता है कि आपकी प्रॉपर्टी में किसी तरह की कोई खामी तो नहीं है साथ ही प्रॉपर्टी की वैल्यू (कीमत) तय करने के लिए विशेषज्ञ की टीम चुनी जाती है। जो प्रॉपर्टी की कीमत तय करती है। इसके लिए भी बैंक कुछ शुल्क लेता है।
Insurance Policy Charge (Optional)
कुछ बैंक लोन के साथ साथ लोन इंश्योरेंस खरीदने के लिए भी कहते हैं। लोन इंश्योरेंस आवेदनकर्ता की नामौजूदगी में लोन की रकम को कवर करता है। यदि प्राॅपर्टी लोन के साथ लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस (Loan Protection Plan) लिया जाता है तो इसके लिए अलग से प्रीमियम देना पड़ता है। या इसे लोन के साथ ही जोड दिया जाता हैं।
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Late Payment Fee
ईएमआई के भुगतान में देरी होने पर भी शुल्क देना पड़ता है। इसके लिए बैंकों के अलग अलग शुल्क होते हैं
Cibil Report Charge
लोन लेते समय आवेदनकर्ता की सिबिल रिपोर्ट भी चेक की जाती है। जिसके लिए भी बैंक चार्ज लेते हैं।
इनके अतिरिक्त प्राॅपर्टी लोन पर और भी शुल्क होते हैं ये सभी शुल्क बैंक पर निर्भर होते हैं। इसलिए लोन लेने से पहले इनकी जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
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प्रॉपर्टी पर कितना लोन लिया जा सकता है
प्रॉपर्टी पर कितना लोन मिलेगा यह कई बातों पर निर्भर करता है। हर बैंक की अपनी अलग अलग न्यूनतम व अधिकतम लोन रकम की सीमा होती है। कुछ बैंक न्यूनतम सीमा 10 लाख होती है। जबकि अधिकतम सीमा, बैंक और प्रॉपर्टी के प्रकार व वैल्यू पर निर्भर करती है। सामान्यतः प्रॉपर्टी लोन 10 लाख से 10 करोड तक भी लिया जा सकता है।
Resident Property Loan Amount
यदि आप रिहायशी प्रॉपर्टी पर लोन लेना चाहते हैं तो अधिकतर बैंक आपको प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू (किमत) का 70 प्रतिशत तक लोन दे सकते हैं।
Commercial Property Loan Amount
Commercial Property पर लोन लेने पर प्राॅपर्टी की वैल्यू का 60 प्रतिशत तक लोन लिया जा सकता है।
प्रॉपर्टी लोन समयावधि (Laon Tenure)
प्रॉपर्टी लोन चुकाने की अवधि भी कई बातों पर निर्भर होती है। जैसे-
आवेदनकर्ता की उम्र
लोन की रकम
लोन की ईएमआई
प्राॅपर्टी की आयु
सामान्य रूप से प्राॅपर्टी लोन की अधिकतम अवधि 15 साल तक हो सकती है।
प्रॉपर्टी पर लोन लेने के लिए योग्यता (Eligibility)
• आवेदनकर्ता भारत का नागरिक होना चाहिए।
• आवेदनकर्ता वेतनभोगी (Salaried) या स्व व्यवसायी (Self Employed) होना चाहिए।
• आवेदक वर्तमान नौकरी करते हुए एक वर्ष होना चाहिए।
• आवेदनकर्ता की उम्र 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। (अधिकतम उम्र सीमा लोन मेच्योर होने तक होनी चाहिए)
• आवेदक का सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए (700 से अधिक)
• आवेदनकर्ता प्राॅपर्टी का मालिक या सह-मालिक होना चाहिए।
• प्राॅपर्टी बिक्री योग्य होनी चाहिए।
• प्राॅपर्टी पर कोई अन्य लोन नहीं होना चाहिए।
(बैंकों के Eligibility Criteria में अंतर भी हो सकता है। कोई भी बैंक लोन देने से पहले पूरी तसल्ली करता है जिसके लिए अन्य Eligibility Criteria भी हो सकता है)
प्रॉपर्टी लोन जरूरी दस्तावेज (Required Documents)
• पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन फार्म
• पहचान का प्रमाण: आधार कार्ड, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि में से कोई एक होना चाहिए।
• निवास का प्रमाण: निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली बिल, यूटिलिटी बिल आदि में से कोई एक होना चाहिए।
• आय का प्रमाण:
पिछले तीन माह की सैलरी स्लिप
6 महीने की बैंक स्टेटमेंट (जिससे सैलरी आती हों)
फार्म 16 या आयकर रिटर्न।
• प्राॅपर्टी के कागजात जिससे आवेदक मालिक या सह-मालिक हो।
• अन्य दस्तावेज:
यदि वर्तमान नौकरी की अवधि एक साल से कम हैं तो नौकरी का कांट्रेक्ट या अपाइटमेंंट लेटर होना चाहिए।
• आवेदन के पासपोर्ट साइज फोटो
(बैंक की तरफ से और भी दस्तावेज मांगे जा सकते हैं)
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी प्रक्रिया (Process)
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए एक प्रक्रिया के तहत लोन मिलता है।
• इसके लिए Property Loan Eligibility व Required Documents को पूरा करना होता है।
• इसके बाद आफिशियल वेबसाइट से या बैंक शाखा से आवेदन फार्म लेकर, आवेदन फार्म को पूरा भरकर जरूरी दस्तावेजों के साथ बैंक मे देना होता हैं।
• बैंक कर्मचारी आवेदन की जांच करता है व आवेदनकर्ता से जरूरी जानकारी भी मांगी जाती हैं।
• प्राॅपर्टी का फिजिकल वैरिफिकेशन भी किया जाता है।
• इसके बाद प्रॉपर्टी की कानूनी जांच भी कराई जाती हैं।
• विशेषज्ञ की टीम प्रॉपर्टी की वैल्यू तय करती है और लोन अप्रूवल के बाद लोन की रकम Applicant के बैंक अकाउंट में आ जाती है। इस प्रक्रिया में 5 से 15 दिन भी लग सकते हैं।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) कहां से लें
लगभग सभी बैंक Loan Against Property (संपत्ति के विरुद्ध लोन) देते हैं। इनके अलावा बहुत से एनबीएफसी हैं जो प्राॅपर्टी लोन मुहैया कराने का काम करते हैं। बैंक या एनबीएफसी से यह लोन लिया जा सकता है। इसके लिए पात्रता व जरूरी दस्तावेजों का होना आवश्यक हैं।
देखा जाए तो प्राॅपर्टी लोन मिलना आसान होता है। क्योंकि यह एक सिक्योर्ड लोन होता है जिसके लिए बैंक आपकी प्राॅपर्टी को गिरवी रखता है। साथ ही सभी पात्रता मापदंडों का पालन किया जाता है। जिसके कारण प्राॅपर्टी लोन मे बैंक को कुछ हद तक कम रिस्क रहता है।
प्रॉपर्टी लोन का इस्तेमाल
प्राॅपर्टी पर लिये गये लोन का इस्तेमाल आप अपनी इच्छा के अनुसार कर सकते हैं।
देखा जाए तो प्राॅपर्टी लोन का इस्तेमाल पर्सनल लोन की तरह किया जा सकता हैं। बिजनेस की आवश्यकता या पर्सनल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्राॅपर्टी लोन का उपयोग किया जा सकता है। जैसे-
बिजनेस को बढ़ाने के लिए
एज्युकेशन के लिए
शादी के खर्चों के लिए
अन्य लोन का भुगतान करने के लिए
इनके अलावा और भी बहुत से कार्य हो सकते है जिन्हें प्राॅपर्टी लोन से पूरा किया जा सकता है।
लोन लेते समय लोन लेने का उद्देश्य (Purpose) भी आवेदन मे बताना होता हैं।
प्रॉपर्टी पर लोन के फायदें व विशेषताएं
प्राॅपर्टी लोन सिक्योर्ड लोन होता है। इसके कुछ फायदें भी हो सकतें हैं जैसे-
• प्रॉपर्टी लोन आसानी से मिलने वाला लोन होता है।
• रिहायशी मकान, किराए का मकान, दुकान खाली प्लाट आदि किसी भी प्राॅपर्टी पर लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी लोन लिया जा सकता है।
• लोन ना चुका पाने की स्थिति में उधार धारक अपनी प्राॅपर्टी को स्वयं बेचकर लोन का भुगतान कर सकता है।
• Floating Interest Rate होने पर लोन का निर्धारित समय से पहले बिना किसी अतिरिक्त शुल्क दिए पूर्ण भुगतान किया जा सकता है। जबकि Fixed Interest Rate होने पर पूर्व भुगतान के लिए शुल्क देना पड़ सकता है।
• ज्वांइट प्राॅपर्टी होने पर भी लोन अप्लाई किया जा सकता है।
• Moratorium (ईएमआई हॉलीडे) की सुविधा भी मिल सकती है।
• कुछ बैंक प्राॅपर्टी लोन पर Top Up की सुविधा भी देते हैं। यदि पहले तय वैल्यू तक लोन न लिया हो।
• प्रॉपर्टी लोन का इस्तेमाल किसी भी काम के लिए कर सकते हैं। जैसे-
बिजनेस के लिए
एज्यूकेशन के लिए
मेडिकल इमरजेंसी में
शादी के खर्चों के लिए या अन्य।
• सिक्योर्ड लोन होने के कारण ब्याज दर कम होती है।
• सह-आवेदक जोड़ने पर लोन की रकम ज्यादा मिल जाती है।
• आवेदनकर्ता एक महिला होने पर ब्याज दर मे छूट मिल सकती है।
• लोन चुकाने के लिए लंबी अवधि मिल जाती है।
• लोन लेने के बाद भी उधारकर्ता प्राॅपर्टी का इस्तेमाल कर सकता है।
प्रॉपर्टी लोन लेते समय ध्यान रखने वाली बातें
प्राॅपर्टी पर लोन लेते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जिससे लोन लेने मे किसी प्रकार की दिक्कतें ना आएं। साथ ही लोन की रिपेमेंट भी सही ढंग से हो सकें।
• Loan Against Property अप्लाई करने से पहले कई बैंकों या एनबीएफसी की तुलना कर लेनी चाहिए जो बैंक आपको किफायती दरों पर लोन दे वही से लोन लेना चाहिए।
• प्राॅपर्टी लोन अप्लाई करने से पहले अपनी पात्रता (Eligibility) की जांच जरूर कर लें।
• लोन अप्लाई करने से पहले सभी जरूरी दस्तावेज आपके पास होने चाहिए।
• प्रॉपर्टी लोन की ब्याज दर होम लोन से अधिक होती है। इसलिए यदि आप घर के निर्माण, या घर खरीदने के लिए लोन लें रहें हैं तो आपको होम लोन अप्लाई करना चाहिए।
• लोन में अपने परिवार की महिला सदस्य को सह- आवेदक बनाने पर ब्याज दर में छूट मिल सकती है।
• सह-आवेदक जोड़ने पर अधिक रकम का लोन मिल सकता है।
• बैंक से सभी शुल्कों (Charges) के बारे में जान लेना चाहिए। जिससे बाद में किसी अतिरिक्त पेनल्टी से बचा जा सके।
• लोन की रकम का चुनाव प्राॅपर्टी की वैल्यू के हिसाब से नहीं बल्कि अपनी जरूरत के हिसाब से करना चाहिए।
• लोन की अवधि का चुनाव सही करना चाहिए। अपनी इनकम से सभी ख़र्च हटाकर बची रकम से 30 प्रतिशत कम रकम की ईएमआई चुन सकते हैं।
• किसी भी अतिरिक्त पेनल्टी से बचने के लिए समय पर ईएमआई का भुगतान करना चाहिए।
उम्मीद है आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा व इसमें बताई जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। हमारी कोशिश रहती है कि हम अपने पाठकों के लिए विस्तारपूर्वक जानकारी शेयर करें। जिससे आपको ज्यादा से ज्यादा उपयोगी जानकारी मिल सके। यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हैं तो आप इसे शेयर करना ना भूलें।
इस पोस्ट मे आपने Loan Against Property (LAP) के बारे में जाना हैं। जैसे लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी क्या है, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी इंटरेस्ट रेट क्या हैं, Eligibility, Required Documents, Loan Process, Charges व कुछ सामान्य ध्यान रखने योग्य बातें जो आपको जरूर मालूम होनी चाहिए।
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नोट: उपरोक्त सभी जानकरी सामान्य है व केवल लोन लेने में सुविधा के लिए प्रदान की गई है। लोन लेने से पहले अपने बैंक से पूरी जानकारी जरूर लें।
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