क्रेडिट कार्ड मिनिमम ड्यू बैलेंस: क्रेडिट कार्ड लेना अलग होता है और क्रेडिट कार्ड लेने के बाद उसका सही पेमेंट करना अलग है। क्रेडिट कार्ड लेने के बाद सबसे बड़ी चुनौती उसके बिल को चुकाने की ही होती है। बहुत से लोग बिना सोचे समझे क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं। और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी कर लेते हैं मगर जब क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट की बात आती है तो इसमे गलती कर बैठते हैं। जिसकी वजह से वे एक गहरे संकट में फस जाते है।
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना व समय पर बिल पेमेंट करना ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। हम आज क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट के बारे में बताने वाले हैं। साथ ही जानेंगे कि क्रेडिट कार्ड का मिनिमम बैलेंस पेमेंट (Minimum Due Amount) क्या होता है।
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट क्या है?
क्रेडिट कार्ड से पैसे खर्च करने की एक लिमिट होती है जिस लिमिट तक आप क्रेडिट कार्ड से खरीदारी या पेमेंट कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड के द्वारा खर्ची गई रकम को तय समय (Due Date) मे भरना होता है। क्रेडिट कार्ड बिल में खर्च की गई रकम व उस पर लगने वाले चार्ज का लेखा-जोखा होता है। यह हर माह जेनरेट होता है। क्रेडिट कार्ड के बिल को भरना ही क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट कहलाता हैं। Minimum Due Amount जिसे मिनिमम बैलेंस पेमेंट भी कहते हैं ये भी क्रेडिट कार्ड के बिल का हिस्सा होता है। क्रेडिट कार्ड के मिनिमम बैलेंस पेमेंट की वजह से ही बहुत से लोग चुक कर देते हैं जिसकी वजह से उन्हें काफी ज्यादा नुकसान भुगतना पड़ता है।
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क्रेडिट कार्ड का बिल कब जेनरेट होता है?
क्रेडिट कार्ड के लिए एक बिलिंग Cycle होता हैं। जिसमे क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना व उसका बिल चुकाना सामिल होता है।
मानकर चलिए आपने एक क्रेडिट कार्ड 8 अक्टूबर को बनवाया है। जिसका बिलिंग Cycle 8 अक्टूबर से 7 नवंबर होगा। आने वाले माह मे भी 8 तारीख से अगले महीने की सात तारीख तक होगा। हर महीने की 7 तारीख को क्रेडिट कार्ड का बिल जेनरेट होगा। जिसे चुकाने के लिए 15 से 20 दिन का समय होता हैं। जिसे Due Period कहते हैं। इसके साथ ही बिल पेमेंट की डयू डेट भी दी होती है। यदि आप उस से पहले बिल का भुगतान कर देते हैं तो आप क्रेडिट कार्ड के ब्याज व पेनल्टी से बच सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड मिनिमम बैलेंस पेमेंट क्या है?
क्रेडिट कार्ड की पेमेंट करने मे बहुत से लोग चुक कर देते हैं। उन्हें समझ नहीं आता है कि हमें कितना बिल पेमेंट करना है।
क्रेडिट कार्ड बनाने वाली बैंक या कंपनी का मकसद आपसे पैसे कमाना है। आप कैसे भी करें, कुछ भी करें वे आपसे पैसे कमाना चाहते हैं। और हम उनके इस जाल में फंस भी जाते हैं। उसी जाल का हिस्सा है क्रेडिट कार्ड का मिनिमम बैलेंस पेमेंट।
जहां तक क्रेडिट कार्ड के मिनिमम बैलेंस पेमेंट की बात करें तो यह वो छोटे से छोटा अमाउंट होता हैं जिसे जमा करके आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट अगले महीने के लिए बढ़ा सकते हैं। और आप अगले महीने में भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सही शब्दों में कहा जाए तो मिनिमम डयू अमाउंट आपके द्वारा खर्च किये गये रूपयों पर बनने वाला ब्याज व शुल्क ही होता हैं। मिनिमम बैलेंस का भुगतान करने के बाद भी प्रिंसीपल (खर्च किये गये रूपए) ज्यो का त्यो बना रहता है।
Credit Card Minimum Due Amount Kya Hota Hai
Minimum Due Amount चुकाने के बाद भी आपका प्रिंसीपल (खर्च किये गये रूपए) बरकरार रहता हैं। जो अगले महीने मे खर्च की गई रकम मे जुड़ जाता हैं। साथ ही इस पर ब्याज व लेट पेमेंट शुल्क भी लगता है। इसलिए क्रेडिट कार्ड के बिल को चुकाना थोड़ा मुश्किल हो जाता हैं।
क्या Minimum Due Amount चुकाना चाहिए
यदि हो सके तो आप क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल ही भरें। अगर आप क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल भर देते हैं तो आप ब्याज व पेनल्टी से बच जाते हैं।
Minimum Due Amount भरकर आप थोड़ा निश्चिंत हो जाते है कि आपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुका दिया है।
मगर असल में Minimum Due Amount भरकर आप क्रेडिट कार्ड के ब्याज व पेनल्टी ही चुकाते हैं। अगले महीने के बिल में बकाया बिल व चार्ज जुड़े होते हैं।
जब आपके पास पूरा बिल चुकाने के लिए पैसे ना हो तो आप Minimum बैलेंस पेमेंट कर सकते हैं। अन्यथा पूरा बिल ही चुकाना चाहिए
इस लेख मे आपने क्रेडिट कार्ड के बिल के बारे मे जाना साथ ही क्रेडिट कार्ड के मिनिमम बैलेंस पेमेंट (Minimum Due Amount) को भी विस्तार से जाना है। उम्मीद करते हैं कि आप इस जानकारी से संतुष्ट होंगे। आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं। इसी के साथ इस पोस्ट मे सिर्फ इतना ही। धन्यवाद।
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