सबसे सस्ता गोल्ड लोन कहां मिलेगा? यह सवाल गोल्ड लोन लेने से पहले हर किसी के मन में आता हैं। इसलिए गोल्ड लोन लेने से पहले आपको कई जरूरी बातों पर गौर करना चाहिए। कुछ ऐसे जरूरी कारक हैं जो आपको सस्ती ब्याज दर पर गोल्ड लोन दिलाने में सहायक हो सकते हैं। गोल्ड लोन आसानी से मिलने वाला लोन माना जाता हैं। गोल्ड लोन लेकर आप अपने जरूरी कार्य को पूरा कर सकते हैं, हालांकि गोल्ड लोन का भुगतान करने के दौरान काफी सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती हैं। क्योंकि गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होता हैं जिसके एवज में आपका गोल्ड बैंक के पास गिरवी रखा होता हैं और यदि आप लोन के भुगतान में असमर्थ होते हैं तो आपको अपने गोल्ड से हाथ धोना पड़ सकता हैं। इसलिए आपको गोल्ड लोन को लेकर आपको समझदारी से लोन का पैसा उपयोग करना चाहिए। इतना ही नहीं लोन लेने से पहले आपको विभिन्न बैंकों व एनबीएफसी की गोल्ड लोन की ब्याज दरों की तुलना कर लेनी चाहिए। इतना करने के बाद आप सस्ती ब्याज दरों पर लोन मुहैया करने वाले बैंक या एनबीएफसी का चुनाव कर सकते हैं।
हालांकि सस्ती ब्याज दर पर लोन लेने के लिए इतना ही काफी नहीं होता हैं, इसके अलावा और भी अन्य कारक हैं जिन्हें ध्यान में रखकर आप किफायती दरों पर गोल्ड लोन ले सकते हैं। इस पेज में आप सस्ती ब्याज दर पर गोल्ड लोन देने वाले बैंकों व एनबीएफसी के बारे में जान सकेंगे। जिससे आप कम ब्याज दर पर गोल्ड लोन ले सकते हैं। साथ ही कुछ ऐसे कारक जो गोल्ड लोन की ब्याज दर को प्रभावित करते हैं।
विभिन्न बैंकों व एनबीएफसी की गोल्ड लोन ब्याज दरें
बैंक / एनबीएफसी | प्रभावी ब्याज दर |
---|---|
एसबीआई | 7% से शुरू |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 9% से शुरू |
केनरा बैंक | 7.35% से शुरू |
पंजाब नेशनल बैंक | 7.70% से 8.75% |
एचडीएफसी बैंक | 11% से 16% |
आईसीआईसीआई | 10.0% से शुरू |
मुथूट फाइनेंस | 12% से 26% तक |
बैंक ऑफ इंडिया | 7.25% से शुरू |
एक्सिस बैंक | 13.50% से 19.95% |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 9.40% से 10.15% |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | 7.10 से शुरू |
कोटक महिंद्रा बैंक | 10% से 17% तक |
मन्नुरप्पा गोल्ड लोन | 29% तक |
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सस्ती ब्याज दर पर गोल्ड लोन कैसे मिलेगा
यदि आप गोल्ड लोन लेने का प्लान कर रहे है तो आपके लिए ब्याज दर का ध्यान रखना बहुत जरूरी हैं। क्योंकि गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होता जिसके एवज में आपके सोने के आभूषण बैंक के पास गिरवी रखे जाते हैं। ऐसे में यदि आप लोन की रिपेमेंट नहीं कर पाते हैं तो बैंक गिरवी रखे सोने को नीलाम कर सकता हैं। ब्याज दर अधिक होने पर लोन की रीपेमेंट करना मुश्किल हो सकता हैं। जिसे देखते हुए आपके लिए जरूरी है कि लोन किफायती ब्याज दर पर लिया जाएं। हालांकि गोल्ड लोन की ब्याज दर निम्न कारकों से प्रभावित हो सकती हैं।
लोन की रकम
यह बात आपको मालूम होना चाहिए कि कम रकम का लोन लेने पर ब्याज दर कम होती हैं। जबकि अधिक रकम का लोन लेने पर ब्याज दर अधिक तय की जाती हैं। इसलिए आपको अपनी जरूरत के मुताबिक ही लोन की रकम का चयन करना चाहिए। ऐसा करने पर आप अतिरिक्त ब्याज के बोझ से बच सकते हैं। हालांकि गोल्ड लोन की रकम गोल्ड के अनुसार ही तय की जाती हैं, फिर भी आप अपनी जरूरत के अनुसार लोन की रकम न्यूनतम रख सकते हैं।
लोन की अवधि
लोन की चुनौती अवधि भी ब्याज दर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। छोटी अवधि की तुलना में लंबी अवधि के लिए अधिक ब्याज दर पर लोन मिलता हैं। इतना ही नहीं लंबी अवधि के दौरान आपको ब्याज की रकम भी अधिक चुकानी पड़ती हैं। इसलिए आपको छोटी अवधि या उस अवधि का चुनाव करना चाहिए जिसमें आप आसानी से लोन को चुका दें। भुगतान अवधि के चुनाव के दौरान आपको ध्यान रखना चाहिए कि क्या आप इस अवधि में लोन का भुगतान आसानी से कर सकते हैं। क्योकि भुगतान अवधि छोटी होने पर ईएमआई की रकम बढ़ जाती हैं। जो कई बार परेशानी का कारण बन जाती हैं। इसलिए आपको भुगतान अवधि का चयन सोच-समझकर ही करना चाहिए।
आवेदक की इनकम
आवेदक की आय (इनकम) भी लोन की ब्याज दर को प्रभावित करती हैं। हालांकि गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होता हैं इसके बावजूद भी आवेदक की इनकम गोल्ड लोन की ब्याज दर को प्रभावित करती हैं। यदि आवेदनकर्ता की आय अच्छी हैं तो ब्याज दर कम तय की जाती हैं। और आवेदनकर्ता की आय कम हैं तो ब्याज दर अधिक रहती हैं। क्योंकि इनकम को देखते हुए ही ऋणधारक की भुगतान क्षमता का आंकलन किया जाता हैं। भुगतान क्षमता कम होने पर लोन अक्सर ज्यादा ब्याज दर पर मुहैया होता हैं।
आवेदक की लोन हिस्ट्री
आवेदक की लोन हिस्ट्री या क्रेडिट हिस्ट्री का अच्छा होना बहुत जरूरी होता हैं। गोल्ड लोन के लिए बैंक गोल्ड को गिरवी रखता है मगर बैंक ऊधारकर्ता से लोन की सतप्रतिशत रिपेमेंट होने की उम्मीद रखता है। यदि बैंक को वास्तव में लगता है कि लोन की रिपेमेंट होना मुश्किल है तो बैंक गोल्ड लोन देने से मना भी कर सकता हैं। क्योंकि बैंक के लिए लोन का नियमित रूप से भुगतान होना ही सबसे अच्छा होता है। किसी गिरवी रखी प्राॅपर्टी को बेचकर लोन की रिकवरी करने में भी बैंक का अतिरिक्त समय व पैसा लगता है जिसके कारण आवेदनकर्ता का सिबिल स्कोर / क्रेडिट हिस्ट्री खराब होने पर बैंक अधिक ब्याज दर पर लोन देता है। क्योंकि खराब लोन हिस्ट्री वाले आवेदनकर्ता को लोन देने में अधिक जोखिम रहता हैं। जिसको देखते हुए ऐसे ग्राहकों को लोन मिलना बहुत मुश्किल होता हैं या उच्च ब्याज दर पर लोन मिलता हैं।
सोने की शुद्धता
गोल्ड लोन के लिए 18 से 24 कैरेट का गोल्ड ही उपयुक्त माना जाता हैं। 24 कैरेट के सोने को सर्वोत्तम क्वालिटी का माना जाता हैं। इसलिए 24 कैरेट के सोने के विरुद्ध कम ब्याज दर पर लोन मिल जाता हैं। कम कैरेट के गोल्ड पर अधिक ब्याज दर पर लोन मिलता हैं। सोने की शुद्धता के अनुसार ही लोन की रकम या एलटीवी का चुनाव किया जाता हैं।
एलटीवी अनुपात
लोन टू वैल्यू रेश्यो (LTV Ratio) के आधार पर ही लोन की रकम तय होती हैं। अधिकतर बैंक गोल्ड लोन के लिए 60 से 90 फीसदी तक भी एलटीवी अनुपात रखते हैं। अर्थात सोने की कीमत का आकलन करने के पश्चात आप कीमत का 60 से 90 फीसदी रकम का लोन ले सकते हैं। यदि गोल्ड की बाजार वैल्यू 1 लाख रुपए हैं तो बैंक आपको 60 हजार से 90 हजार तक लोन मुहैया कर सकता हैं। सीधे तौर पर अधिक एलटीवी अनुपात होने पर ब्याज दर अधिक होती हैं जबकि कम एलटीवी होने पर ब्याज दर भी कम होती हैं। कम एलटीवी अनुपात होने पर लोन की रकम भी कम ही निर्धारित की जाती हैं। जिसके कारण ब्याज दर भी कम ही होती हैं।
सिबिल स्कोर / क्रेडिट स्कोर
किसी भी प्रकार के लोन के लिए सिबिल स्कोर / क्रेडिट स्कोर का अच्छा होना बेहद जरूरी होता है। स्वर्ण लोन के लिए भी सिबिल स्कोर बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। अच्छा सिबिल स्कोर होने पर लोन अनुमोदन (Approval) जल्दी मिलने के साथ-साथ ब्याज दर भी कम लागू की जाती है। 750 से अधिक सिबिल स्कोर अच्छा क्रेडिट व्यवहार दर्शाता हैं जिसको देखते हुए लोन की स्वीकृति आसान होने के साथ-साथ ब्याज दर भी कम लागू होती हैं। इसलिए लोन लेने से पहले अपने सिबिल स्कोर पर गौर करना बेहद जरूरी होता हैं। सिबिल स्कोर बहुत से कारकों से प्रभावित होता हैं। जिनके बारे में आपको जानकारी होना चाहिए।
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अन्य लोन व लायबिलिटी
जब ऊधारकर्ता किसी अन्य लोन का भुगतान जारी रखतें हुए नये लोन के लिए आवेदन करता है तो ऐसे में लोन की रकम कम होने के साथ-साथ ब्याज दर अधिक होती हैं। ऐसी स्थिति में लोन मिलना थोड़ा मुश्किल हो सकता हैं। सिर्फ वर्तमान लोन के भुगतान ही नहीं बल्कि ऊधारकर्ता की इनकम व खर्च (लायबिलिटी) को ध्यान में रखते हुए भी लोन दिया जाता हैं। जब ऊधारकर्ता की लायबिलिटी यानि खर्च अधिक हो तो लोन कम रकम का होने के साथ ऊंची ब्याज दर भी लागू होती हैं। यदि आवेदनकर्ता पर वर्तमान लोन की ईएमआई का बोझ अधिक हैं तो नये लोन की संभावना काफी कम हो जाती हैं। इसलिए आपको गोल्ड लोन आवेदन करने से पहले पहले लिये गये लोन का भुगतान कर देना चाहिए जिससे सस्ती ब्याज दर पर अधिक रकम का लोन मिल सकें।
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गोल्ड लोन के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
गोल्ड अन्य लोन की तुलना में थोड़ा अलग होता हैं। गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होता हैं जिसके बारे में जानकारी ना होने के कारण बहुत से ऊधारकर्ता गोल्ड लोन लेकर बुरी तरह फंस जाते है। इसलिए गोल्ड लोन लेने से पहले आप इसके बारे संपूर्ण जानकारी लेना । गोल्ड लोन के दौरान आपको किन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए इनका उल्लेख आगे दिया गया है।
- गोल्ड लोन बहुत छोटी अवधि का लोन होता हैं जिससे आप कुछ समय के लिए पड़ने वाली जरूरत को पूरा कर सकते हैं। लंबी अवधि के लिए गोल्ड लोन का चयन करना उचित नही माना जाता हैं।
- अपनी वित्तीय जरूरत के अनुसार ही लोन की रकम का चुनाव करना चाहिए। जिससे आप अतिरिक्त लोन के दबाव से बच सकते हैं।
- अपने सोने की वैल्यू से काफी कम रकम का लोन लेना उचित नहीं माना जाता हैं। क्योंकि गोल्ड के वैल्यू से कम रकम का लोन लेना बैंक के लिहाज से अच्छा रहता है मगर ऊधारकर्ता के लिए जोखिम ज्यादा रहता हैं।
- यदि आपको बहुत कम रकम की आवश्यकता हैं तो आपको कम वैल्यू के गोल्ड के विरुद्ध लोन लेना चाहिए।
- गोल्ड लोन के भुगतान के लिए बैंक / एनबीएफसी कई तरह के भुगतान विकल्प देते हैं आपको अपने अनुसार सही विकल्प का चुनाव करना चाहिए।
- भुगतान में देरी होने पर बैंक आपसे अतिरिक्त शुल्क वसूलती हैं। इसलिए समय पर भुगतान करना चाहिए। हालांकि ईएमआई के रूप में मूलधन की रकम व ब्याज का भुगतान करना अच्छा विकल्प रहता हैं।
- यदि आप लगातार तीन ईएमआई का भुगतान नहीं करते हैं तो बैंक गिरवी रखे सोने को बेचकर लोन की वसूली कर सकती हैं। जिससे आपको अपने गोल्ड से हाथ धोना पड़ सकता हैं। इसलिए ईएमआई का भुगतान समय पर करना चाहिए।
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