
क्या आपको लोन की EMI भारी लग रही है? जानिए लोन रीपेमेंट के स्मार्ट तरीके जिनसे आप ब्याज की रकम बचा सकते हैं और समय से पहले कर्ज़ चुकता भी कर सकते हैं।
आज के समय में लोन लेना जितना आसान हो गया है, उसे चुकाना उतना ही चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अगर आपकी EMI आपकी सैलरी का बड़ा हिस्सा खा रही है, तो यह समय है स्मार्ट प्लानिंग का। इस लेख में हम बताएंगे कि कैसे आप लोन की रीपेमेंट को आसान, सस्ता और तनावमुक्त बना सकते हैं।
लोन का भुगतान काफी आसान और सरल भी हों सकता हैं बशर्ते इसे समझदारी के साथ किया जाएं। जल्दबाजी में या बिना प्लानिंग के उठाए गये कदम आगे चलकर चिंता का विषय बन सकते हैं। इसलिए आपके लिए जरूरी है कि आप पहले सभी चीजों को समझें और सूझबूझ भरा फैसला लें।
1. EMI से पहले Budget बनाएं
हर महीने EMI कटने से पहले अपने खर्चों का प्लान बनाएं। फिजूलखर्ची को ट्रैक करें और जहां बचत हो सके वहां बचत जरूर करें।
2. EMI Date को सैलरी डेट के पास रखें
ज्यादातर लोग EMI की तारीख लास्ट वीक में रखते हैं, जिससे सैलरी में से खर्च पहले हो जाता है और ईएमआई के लिए कैसा बच नहीं पाते हैं। इसलिए EMI डेट को सैलरी आने के 3-5 दिनों के भीतर ही रखें ताकि पहले ईएमआई का भुगतान हों और खर्च बाद में हो।
3. Extra EMI या Part Payment करें
अगर आपको बोनस, साइड इनकम या कोई बड़ा अमाउंट मिलता है, तो उसका एक हिस्सा लोन में Part Payment करें। इससे ब्याज की राशि कम होती है और अवधि भी घटती है।
4. High Interest Loan को पहले चुकाएं
अगर आपके पास एक से ज्यादा लोन हैं, तो पहले उस लोन को चुकाएं जिसका ब्याज दर सबसे ज़्यादा है। इसे Debt Avalanche Method कहा जाता है।
5. लोन रीफाइनेंस या बैलेंस ट्रांसफर करें
अगर आपके मौजूदा लोन का ब्याज ज्यादा है, तो किसी दूसरे बैंक से कम ब्याज पर बैलेंस ट्रांसफर करवाएं। इससे EMI में बड़ी कटौती हो सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि कही बचत से ज्यादा प्रोसेसिंग फीस व अन्य चार्जेस हों जाएं।
6. Auto Debit या ECS सेट करें
मैनुअल पेमेंट भूलने पर लेट चार्ज लग सकता है। इसलिए बैंक में ऑटो डेबिट सेट करें ताकि हर महीने समय पर EMI कटती रहे। इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी बहतर रहेगा।
7. क्रेडिट स्कोर बेहतर रखें
समय पर EMI भरना आपके CIBIL स्कोर को सुधारता है। इससे भविष्य में कम ब्याज और समय पर लोन मिलना आसान होता है।
8. Emergency Fund बनाएं
EMI चुकाने में कोई रुकावट ना आए, इसके लिए 3-6 महीने का खर्च के लिए एक फंड रखें। इससे नौकरी जाने या किसी आपात स्थिति में मदद मिलेगी। हालांकि इसकी प्लानिंग समस्या आने से पहले ही करनी हैं।
लोन भुगतान में ये गलती कभी ना करें
एक लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन ना लें
यदि आप एक लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन लेने की सोच रहे हैं तो ऐसा करना आपके लिए और भी बड़ी समस्या पैदा कर सकता हैं। क्योंकि एक लोन चुकाना आपके लिए पहले ही भारी पड रहा हैं तो दूसरे लोन का बोझ भी आपके ऊपर आ जाएगा। इसके ब्याज व अन्य चार्जेस का भुगतान आपके ऊपर अतिरिक्त बोझ बन सकता हैं।
ईएमआई भरना बंद ना करें
बहुत से लोगों के लिए जब ईएमआई का भुगतान करना मुश्किल हो जाता हैं, तो वे ईएमआई का भुगतान करना ही बंद कर देते हैं। मगर ऐसा करने से आपको लेट पेमेंट पेनल्टी और चार्जेस का भुगतान भी करना पड सकता हैं।
यदि आपको ईएमआई का भुगतान करने में परेशानी आ रही हैं तो आप अपने बैंक से बात करें और ईएमआई की रकम घटायें या मोरेटोरियम पीरियड (Moratorium Period) का इस्तेमाल करें।
लोन चुकाने के लिए क्रेडिट कार्ड ना लें
लोन चुकाने के लिए क्रेडिट कार्ड लेना आपके लिए सबसे बडी गलती बन सकती हैं। बहुत से लोग, लोन चुकाने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी करते हैं। मगर ऐसा करना बहुत भारी पड सकता हैं। क्योंकि क्रेडिट कार्ड के जरिए इस्तेमाल की गई रकम पर, लोन से भी कहीं ज्यादा ब्याज व चार्जेस लागू किए जाते हैं।
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले संबंधित प्रश्न
Q1. क्या लोन जल्दी चुकाने से ब्याज कम लगता है?
हाँ, लोन की समय से पहले या पार्ट पेमेंट करने से ब्याज की राशि कम हो जाती है क्योंकि ब्याज बची हुई प्रिंसिपल अमाउंट पर लगता है।
Q2. क्या लोन की EMI में बदलाव किया जा सकता है?
कुछ बैंक EMI में बदलाव की सुविधा देते हैं, जैसे tenure बढ़ाना या घटाना। इसके लिए बैंक से संपर्क करें।
Q3. बैलेंस ट्रांसफर करते समय क्या सावधानियाँ रखें?
बैंक की प्रोसेसिंग फीस, फाइन प्रिंट, और नई EMI की शर्तें ध्यान से पढ़ें। ट्रांसफर से पहले कुल बचत की गणना करें।
Q4. क्या सभी लोन में पार्ट पेमेंट की सुविधा होती है?
नहीं, कुछ बैंक और NBFCs यह सुविधा नहीं देते या उस पर चार्ज लगाते हैं। लोन लेने से पहले यह जरूर जांचें।
Q5. क्या एक लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन का सहारा लेना सही विकल्प होता हैं?
नही, एक लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन लेना अक्सर भारी पड़ता हैं। इसके लिए आपको ब्याज व अन्य चार्जेस की गणना जरूर करें।
निष्कर्ष: लोन लेने के बाद सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य लोन का भुगतान करना ही होता हैं। इसलिए लोन के भुगतान समझदारी के साथ करें।
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