बार-बार सिबिल चेक करने से क्या होता है?

जब भी हम लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन सबसे पहले हमारा CIBIL स्कोर (क्रेडिट स्कोर) चेक करते हैं। यह स्कोर हमारी क्रेडिट हिस्ट्री और रिपेमेंट बिहेवियर के आधार पर तय होता है। पर अक्सर लोगों के मन में ये सवाल आता है – “बार-बार सिबिल चेक करने से क्या होता है?” क्या इससे स्कोर पर बुरा असर पड़ता है? आइए विस्तार से समझते हैं।
CIBIL स्कोर चेक करने के प्रकार
सिबिल स्कोर चेक करने के दो मुख्य प्रकार होते हैं:
1. हार्ड इंक्वायरी (Hard Inquiry):
जब आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तब बैंक या एनबीएफसी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को हार्ड इंक्वायरी के जरिए चेक करते हैं। अगर बहुत बार हार्ड इंक्वायरी होती है, तो इससे आपका CIBIL स्कोर घट सकता है।
2. सॉफ्ट इंक्वायरी (Soft Inquiry)
जब आप खुद अपना CIBIL स्कोर चेक करते हैं, तो वह सॉफ्ट इंक्वायरी मानी जाती है। इससे आपके स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
बार-बार सिबिल स्कोर चेक करने से क्या होता है?
अगर आप खुद चेक कर रहे हैं (Soft Inquiry)
इसका कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता। आप जितनी बार चाहें, अपना स्कोर देख सकते हैं। इससे आपको अपनी क्रेडिट हेल्थ को समझने और सुधारने में मदद मिलती है।
अगर बार-बार बैंक या लेंडर चेक कर रहे हैं (Hard Inquiry)
यह संकेत देता है कि आप बार-बार लोन लेने की कोशिश कर रहे हैं। इससे आपकी क्रेडिबिलिटी पर सवाल खड़े हो सकते हैं और स्कोर गिर सकता है।
स्कोर को अच्छा बनाए रखने के लिए टिप्स:
कुछ ऐसे टिप्स या जरूरी कदम भी हो सकतें हैं जिससे अपनाकर आप अपना सिबिल स्कोर अच्छा कर सकते हैं।
समय पर EMI का भुगतान करें
जब आप समय पर अपनी ईएमआई का भुगतान नहीं करते हैं तो ऐसा करने से आप पर दोहरी मार पड़ती हैं। एक ईएमआई लेट होने पर लेट पेमेंट चार्ज भरना पड़ता हैं, दूसरा आपका सिबिल स्कोर पर नाकारात्मक असर पड़ता हैं। इसलिए यदि आप वास्तव में चाहते हैं कि आपका सिबिल स्कोर अच्छा हो जाएं तो सबसे पहले सभी ईएमआई का भुगतान समय रहते करें।
तय समय पर क्रेडिट कार्ड बिल भरें
ईएमआई की तरह ही क्रेडिट के बिल का भुगतान समय पर ना करने से आपके सिबिल स्कोर का स्तर नीचे जाता हैं और लेट पेमेंट चार्ज भी चुकाना होता हैं इसलिए क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान भी समय पर करें।
एक से ज्यादा बार लोन के लिए एक साथ आवेदन न करें।
जब आप किसी लोन के लिए एक साथ या बार बार आवेदन करते हैं, इससे प्रत्येक बार हार्ड इंक्वायरी होती हैं, कम समय में कई बार हार्ड इंक्वायरी होने से आपकी वित्तीय कमजोरी नजर आती हैं। जिससे अंदाजा लगाता हैं कि आपके पास अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सिर्फ लोन ही एक विकल्प हैं। और आपका सिबिल स्तर नीचे आता हैं, इसलिए एक साथ कई आवेदन या बार बार आवेदन करने से बचें।
अपना क्रेडिट कार्ड उपयोग (Credit Card Utilization) 30% से कम रखें।
इसका सीधा मतलब है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा से केवल अधिकतम 30 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल करें। ऐसा ना करने से आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता हैं।
रेगुलर अंतराल पर खुद ही अपना स्कोर चेक करें।
आप अपना सिबिल स्कोर किसी लेंडर या बैंक में जाकर चेक ना कराएं, क्योंकि लेंडर या बैंक हार्ड इंक्वायरी करते हैं जिससे आपका सिबिल खराब हो सकता हैं, इसलिए अपने सिबिल की जांच स्वयं ही करें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. क्या समय पर ईएमआई या क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान ना करने से सिबिल कमजोर होता हैं?
उत्तर: हां, समय पर ईएमआई या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान ना करने से सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं।
Q2. क्या बार-बार खुद से सिबिल स्कोर चेक करने से स्कोर घटता है?
उत्तर: नहीं, खुद से स्कोर चेक करने से स्कोर पर कोई असर नहीं होता क्योंकि यह सॉफ्ट इंक्वायरी होती है।
Q3. क्या बैंक या NBFC के द्वारा सिबिल चेक कराने से सिबिल खराब होता हैं?
उत्तर: हां, बैंक या NBFC हार्ड इंक्वायरी करते हैं जिससे सिबिल थोड़ा नीचे आ जाता हैं।
Q4. कितनी बार सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं?
उत्तर: आप जितनी बार चाहें, स्कोर चेक कर सकते हैं। महीने में 1-2 बार देखना पर्याप्त होता है।
Q5. क्या हर लोन एप्लिकेशन स्कोर को प्रभावित करता है?
उत्तर: हां, हर बार जब कोई लेंडर हार्ड इंक्वायरी करता है, तो स्कोर थोड़ा कम हो सकता है।
Q6. सिबिल स्कोर को फ्री में कहां चेक कर सकते हैं?
उत्तर: आप CIBIL की ऑफिशियल वेबसाइट या अन्य फिनटेक प्लेटफॉर्म्स जैसे Paisabazaar, BankBazaar पर फ्री में स्कोर चेक कर सकते हैं।