Mortgage Loan: जरूरत के समय अपनी प्राॅपर्टी को बैंक के पास गिरवी रखकर लिये गये लोन को माॅर्गेज लोन या प्राॅपर्टी लोन (Property Loan) कहतें है।

माॅर्गेज लोन (Mortgage Loan): पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए माॅर्गेज लोन एक अच्छा विकल्प होता हैं। वैसे अन्य लोन का ख्याल भी किया जा सकता है जैसे- गोल्ड लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, वेडिंग लोन आदि। मगर लोन मिलने में आसानी व लोन को उपयोग करने में छूट के कारण माॅर्गेज लोन अच्छा विकल्प हो सकता हैं।

Mortgage Loan Kaise Le
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Mortgage Loan कैसे लें, माॅर्गेज लोन के लिए पात्रता व जरूरी दस्तावेज

यदि आपके पास कोई प्राॅपर्टी हैं जिसे बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट के पास गिरवी रखकर लोन लेकर अपनी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। इसे माॅर्गेज लोन या लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी कहते हैं।

माॅर्गेज लोन कैसे ले इससे पहले माॅर्गेज लोन के लिए पात्रता (Eligibility) और आवश्यक दस्तावेजों (Required Documents) के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।

Mortgage Loan Eligibility

• मॉर्गेज लोन के लिए स्थिर आय होना जरूरी होता हैं।
• न्यूनतम आयु सीमा 23 वर्ष व अधिकतम 65 वर्ष होनी चाहिए।
• एसेट की तुलना में लायबिलिटी ज्यादा होने पर लोन मिलना मुश्किल होता हैं।
• आपकी वित्तीय स्थिति व क्रेडिट हिस्ट्री भी अच्छी होनी चाहिए।
• प्राॅपर्टी के सभी मालिक लोन मे सह-आवेदक होने चाहिए।
• माॅर्गेज की जाने वाली प्राॅपर्टी बिक्री योग्य होनी चाहिए

Mortgage Loan Required Documents

• पहचान का प्रमाण:
आधार कार्ड, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि में से कोई एक होना चाहिए।
• निवास का प्रमाण:
निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली बिल, यूटिलिटी बिल आदि में से कोई एक होना चाहिए।
• आय का प्रमाण:
पिछले तीन माह की सैलरी स्लिप
6 महीने की बैंक स्टेटमेंट (जिससे सैलरी आती हों)
फार्म 16 या आयकर रिटर्न।
• प्राॅपर्टी के कागजात जिससे आवेदक मालिक या सह-मालिक हो।
• अन्य दस्तावेज:
यदि वर्तमान नौकरी की अवधि एक साल से कम हैं तो नौकरी का कांट्रेक्ट या अपाइटमेंंट लेटर होना चाहिए।
• आवेदन के पासपोर्ट साइज फोटो
(बैंक की तरफ से और भी दस्तावेज मांगे जा सकते हैं)

Mortgage Loan कौन-कौन सी प्राॅपर्टी पर मिलता है

माॅर्गेज लोन के लिए वहीं प्रॉपर्टी माॅर्गेज के तौर पर रखी जा सकती हैं जो बिक्री योग्य हों जैसे-
रिहायशी प्रॉपर्टी
कामर्शियल प्रॉपर्टी
इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी
दुकान
खाली प्लाट आदि
कृषि योग्य भूमि पर माॅर्गेज लोन नहीं लिया जा सकता हैं।

मॉर्गेज लोन कैसे ले, Mortgage Loan Kaise Le

मॉर्गेज लोन के लिए पात्रता व जरूरी दस्तावेज पूरे होने के बाद माॅर्गेज लोन के लिए अप्लाई किया जा सकता हैं।
• इसके लिए सबसे पहले आवेदन फार्म भरकर बैंक में जमा करना होता है।
• बैंक कर्मचारी आपसे संपर्क करतें हैं व आपसे जरूरी जानकारी मांगी जाती हैं।
• आपकी इनकम, रिपेमेंट क्षमता आदि का भी आंकलन किया जाता हैं।
• माॅर्गेज की जाने वाली प्राॅपर्टी का Inspection किया जाता हैं।
• प्राॅपर्टी की कानूनी जांच भी की जाती हैं।
• विशेषज्ञों द्वारा प्राॅपर्टी की वैल्यू तय की जाती हैं।
• सबकुछ सही होने पर लोन अप्रूव हो जाने के बाद लोन की रकम उधारकर्ता के अकाउंट में आ जाती है।

मॉर्गेज लोन Interest Rate

माॅर्गेज लोन या प्राॅपर्टी लोन की ब्याज दर होम लोन से 1.5% या 2% अधिक होती हैं। जहां होम लोन की ब्याज दर 7 से 9 प्रतिशत होती है वहीं माॅर्गेज लोन की ब्याज दर 9 से 11 प्रतिशत हो सकती है।
लोन की ब्याज दर कई कारणों से कम या ज्यादा भी हो सकती है जैसे-
• उधारकर्ता की इनकम
• क्रेडिट स्कोर / क्रेडिट हिस्ट्री
• प्राॅपर्टी का प्रकार (कामर्शियल या रेजिडेंशियल)
• लोन की रकम
• लोन की अवधि आदि।

मॉर्गेज लोन Tenure

Mortgage Loan की अवधि 15 साल तक हो सकती है। कुछ बैंक Mortgage Loan की अवधि 20 साल तक भी देते हैं। मॉर्गेज लोन की अवधि बैंक के अलावा कई बातों पर निर्भर करती हैं जैसे-
• आवेदनकर्ता की उम्र:
यदि आवेदनकर्ता की वर्तमान उम्र 55 साल हैं तो ऐसे में उसे केवल 10 साल के लिए ही लोन दिया जा सकता हैं क्योंकि लोन की मेच्योरिटी तक आवेदनकर्ता की उम्र अधिकतम उम्र सीमा से अधिक होगी।
• लोन की रकम:
लोन की रकम से भी लोन की अवधि प्रभावित होती हैं। ज्यादा रकम के लिए लोन Tenure लंबी होती हैं।
• रिपेमेंट ईएमआई:
ईएमआई की रकम अधिक होने पर लोन की रिपेमेंट जल्दी हो जाती है इसलिए यदि ईएमआई की रकम अधिक चुनीं जाती है तो लोन की अवधि कम होंगी।
• प्राॅपर्टी की उम्र:
मॉर्गेज लोन की अवधि के लिए गिरवी रखी जाने वाली प्राॅपर्टी की उम्र को भी ध्यान मे रखा जाता हैं। अधिक पुरानी प्राॅपर्टी होने पर लोन अवधि कम हो सकती हैं।

मॉर्गेज लोन की विशेषताएं

• माॅर्गेज लोन की रकम प्राॅपर्टी की वैल्यू का 50 से 60 प्रतिशत तक भी हो सकती है।
• लोन की अवधि 15 से 20 साल हो सकती हैं।
• लोन की रकम 10 लाख से 10 करोड तक भी हो सकती है।
• माॅर्गेज लोन का भुगतान समय से पूर्व भी किया जा सकता है।
• माॅर्गेज लोन का इंश्योरेंस भी किया जा सकता हैं।
• माॅर्गेज की जाने वाली प्राॅपर्टी का मालिकाना हक उधारकर्ता का ही रहता हैं।
• लोन ना चुका पाने की स्थिति में उधारकर्ता प्राॅपर्टी को बेचकर लोन की रकम व ब्याज का भुगतान कर सकता हैं।

लोन ना चुकाने पर क्या होगा

माॅर्गेज लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है। इसलिए बैंक को इस तरह के लोन की रिपेमेंट का रिस्क थोडा कम रहता है।
लोन की रिपेमेंट ना होने पर बैंक उधारकर्ता व गारंटर को नोटिस भेजता है कुछ दिन का समय (तीन से चार महीना) देता है जिसमें दोबारा से मासिक किस्तों का भुगतान शुरू किया जा सकता है। ऐसा करने से लोन की अवधि तीन से चार महीने लंबी हो सकती हैं।
फिर भी किसी कारणवश लोन की रिपेमेंट नही की जाती हैं तो लोन की रिपेमेंट के लिए दो विकल्प हो सकते हैं-
पहले विकल्प में उधारकर्ता खुद माॅर्गेज प्राॅपर्टी को बेचकर लोन का भुगतान कर दें। अन्यथा
दूसरा विकल्प में बैंक माॅर्गेज प्राॅपर्टी को नीलाम करके लोन की रिकवरी कर सकता हैं।
यदि ऐसी स्थिति आती है तो उधारकर्ता को खुद ही अपनी प्राॅपर्टी बेंचकर लोन का भुगतान करना चाहिए क्योंकि उधारकर्ता अपनी प्राॅपर्टी को ऊंचे दामों में बेंच सकता हैं।

किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए

बैंकों की तुलना करना

लोन लेते समय कई बैंकों की तुलना करनी चाहिए। ऐसा ना करें कि किसी एक बैंक में जाएं और लोन लें लें। बल्कि कई बैंकों के की ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, लोन रकम, लोन अवधि व अन्य शुल्क की तुलना जरूर करें। उसके बाद जो बैंक आपके हिसाब से किफायती दरों में लोन मुहैया कराये उसी बैंक से लोन लेना चाहिए।

अपनी जरूरत की रकम चुनें

बहुत से लोग लोन की रकम के चुनाव में गलती कर बैठते हैं। वो लोन की रकम को अधिकतम रखतें हैं जबकि आपको अपनी जरूरत के हिसाब से ही रकम का चुनाव करना चाहिए। ऐसा करने से कम रकम पर ब्याज देना होता हैं साथ ही जरूरत के समय Top Up भी लिया जा सकता है।

क्रेडिट स्कोर / सिबिल स्कोर

अपने क्रेडिट स्कोर का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। लगभग सभी तरह के लोन के लिए क्रेडिट स्कोर अच्छा होना जरूरी होता है। क्रेडिट स्कोर अच्छा होने पर कम ब्याज दर के साथ लोन अप्रूवल मे भी आसानी होती है।

इसे भी पढ़ें- कम सिबिल स्कोर के नुक़सान क्या हो सकते हैं | सिबिल स्कोर क्यो जरूरी होता है।

लोन लेने का उद्देश्य

जब भी आप माॅर्गेज लोन के लिए अप्लाई करें तो आपका लोन लेने का उद्देश्य (Purpose) साफ होना चाहिए। बैंक आपसे लोन लेने का उद्देश्य ज़रूर पूछेगा कि आप लोन का इस्तेमाल किस काम के लिए करोगे। आपका उद्देश्य ऐसा होना चाहिए जो आपके लिए बेहद जरूरी हैं जैसे बच्चों की शिक्षा के लिए, बच्चों की शादी के खर्चों के लिए, बिजनेस में ग्रोथ के लिए आदि।
यदि आप बैंक को बताएंगे कि आप लोन की रकम को शेयर मार्केट मे इन्वेस्ट करेंगे या कोई दूसरी प्राॅपर्टी खरीदेंगे तो इसके लिए बैंक आपको लोन नहीं देगा और आपकी लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाएगी।

लोन की ईएमआई

लोन की रिपेमेंट के लिए ईएमआई का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। अपने सभी खर्चों को ध्यान में रखकर चुकाने योग्य रकम की ईएमआई ही बनवानी चाहिए। ज्यादा रकम की ईएमआई होने पर आर्थिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

रिपेमेंट ना होने पर

यदि उधारकर्ता किसी कारणवश लोन की रिपेमेंट नही कर पाता हैं तो उधारकर्ता के पास प्राॅपर्टी को बेचने का पूरा हक रहता है। ऐसे में उधारकर्ता प्राॅपर्टी को अच्छे दामों में बेचकर लोन का भुगतान कर सकता हैं। अन्यथा बैंक जिस भी रेट मे प्राॅपर्टी को नीलाम करता है उधारकर्ता को वही स्वीकार करना होगा।

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