पर्सनल लोन के तहत निजी तौर पर लोन की रकम का इस्तेमाल करने के लिए आजादी रहती हैं। अतः आप अपने अनुसार लोन की रकम का इस्तेमाल कर सकते हैं। खास तौर पर जब आपको अचानक या इमरजेंसी में रकम की आवश्यकता होती हैं तो पर्सनल लोन आपके बहुत काम आ सकता हैं। क्योंकि पर्सनल लोन मिलने में बहुत कम समय लगता हैं। जिसके चलते पर्सनल लोन बहुत ज्यादा लिया जाने वाला लोन बन गया हैं। इस्तेमाल में लचीलापन व तुरंत लोन मिलने के कारण पर्सनल लोन का चलन बहुत बढ़ा हैं।
हालांकि बैंक पर्सनल लोन के लिए बहुत से पैमाने पर ऊधारकर्ता को तौलते हैं यदि ऊधारकर्ता किसी पैमाने पर खरा नहीं उतरता है तो लोन मिलना बहुत मुश्किल हो सकता हैं।
पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होता हैं इसका मतलब इसके लिए किसी तरह के कोलेटरल की आवश्यकता नहीं होती हैं बैंक, आवेदनकर्ता के सिबिल स्कोर, लोन चुकाने की क्षमता, इनकम सोर्स, बकाया कर्ज आदि को ध्यान में रखकर लोन मुहैया करता हैं। अलग अलग बैंकों के अनुसार पर्सनल लोन की एलिजिबिलिटी (पात्रता) अलग अलग हो सकती हैं। यदि आप भी पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो आपको निम्न बातों पर गौर करना चाहिए। जिससे आपको पर्सनल लोन लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
सिबिल स्कोर अच्छा रखें
पर्सनल लोन के लिए सबसे पहले या सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सिबिल स्कोर ही होता हैं। पर्सनल लोन के लिए सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर का अच्छा होना (750 से अधिक) बेहद जरूरी होता हैं। इसी के अनुसार बैंक आवेदनकर्ता की क्रेडिट इतिहास का आंकलन करते हैं। क्योकि सिबिल स्कोर आवेदनकर्ता के वित्तीय व्यवहार को दर्शाता हैं। ज्यादा सिबिल स्कोर का मतलब अच्छा वित्तीय व्यवहार और कम सिबिल स्कोर का मतलब खराब वित्तीय व्यवहार होता हैं। यदि आवेदनकर्ता का सिबिल स्कोर कम हैं तो पर्सनल लोन मिलना बहुत मुश्किल होता हैं। इसलिए पर्सनल लोन लेने से पहले अपने सिबिल स्कोर को बहतर जरुर करें।
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लोन चुकाने की क्षमता
कोई भी बैंक लोन की स्वीकृति तभी देता हैं जब बैंक यह सुनिश्चित कर लेता है कि ऊधारकर्ता लोन का पूर्ण भुगतान करने में सक्षम है या नहीं। यदि बैंक ऊधारकर्ता को लोन चुकाने के योग्य पाता है तो लोन स्वीकृत हो जाता हैं अन्यथा लोन मिलना बहुत मुश्किल होता हैं।
ऊधारकर्ता की लोन चुकाने की क्षमता कई बातों पर निर्भर करती हैं। जिसमें ऊधारकर्ता की आय, ईएमआई, या अन्य खर्च आदि। आवेदनकर्ता की क्रेडिट रेटिंग, करंट इनकम, लोन अवधि के दौरान नौकरी की सिक्योरिटी आदि का आकलन करने के बाद तय किया जाता हैं कि आवेदनकर्ता लोन के लिए पात्र हैं या नहीं। इसी के आधार पर लोन की रकम व अवधि तय की जाती हैं। कम क्षमता वाले आवेदनकर्ताओं को लोन अधिक ब्याज दर पर मिलता हैं। जबकि लोन चुकाने की अच्छी क्षमता रखने वाले आवेदकों को लोन तुलनात्मक रूप से कम ब्याज दर पर लोन मुहैया हो जाता हैं।
पर्सनल लोन के लिए तीन बड़े बैंकों की ये हैं शर्तें
भारतीय स्टेट बैंक की पात्रता मानदंड
भारतीय स्टेट बैंक भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक हैं। इस बैंक से पर्सनल लोन लेने के लिए आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। वहीं आवेदनकर्ता की न्यूनतम मासिक आय 15000 रुपए होनी चाहिए। साथ ही आवेदक का कोई नियमित आय का सोर्स होना चाहिए जैसे- नौकरी या व्यवसाय। इसके अलावा आवेदनकर्ता की EMI / NMI रेश्यो नेट मंथली इनकम का 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।
HDFC बैंक से लोन की पात्रता मानदंड
एचडीएफसी बैंक से पर्सनल लोन लेने के लिए आवेदक की आयु 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी, केंद्र, राज्य और स्थानीय निकाय के कर्मचारी आदि जिनकी मासिक आय 25000 रुपए या इससे अधिक हैं, वो लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। साथ ही आवेदनकर्ता को वर्तमान नौकरी में कम से कम एक वर्ष पूरा होना चाहिए। अच्छा व्यवसाय करने वाले व्यक्ति भी ल़ोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ICICI बैंक की पात्रता मानदंड
ICICI Bank में नौकरीपेशा करने वाले व्यक्ति की एलिजिबिलिटी देखें तो ऐसे लोगों को लोन मिल सकता है जिनकी उम्र 23 से 58 साल के बीच हो तथा उनकी मासिक इनकम 30,000 या उससे ऊपर हो। मिनिमम सैलरी रिक्वायरमेंट कस्टमर के प्रोफाइल को देखते हुए अलग-अलग हो सकती है। साथ ही आपको कम से कम दो साल का वर्क एक्सपीरियंस होना चाहिए। वहीं आपको वर्तमान पते पर रहते हुए कम से एक साल पूरा होना चाहिए।
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