
RBI जल्द ही रेपो रेट में 0.75% से 1% तक की कटौती कर सकता है। जानिए इससे आपकी EMI पर क्या असर पड़ेगा और होम-कार लोन कैसे होंगे सस्ते।
RBI की राहत भरी सौगात: रेपो रेट कटौती की तैयारी!
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आम जनता के लिए एक बड़ी राहत की तैयारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठकों में RBI रेपो रेट में 0.75% से 1% यानी 75 से 100 बेसिस पांइट तक की कटौती कर सकता है। यह फैसला होम लोन, कार लोन और अन्य कर्ज लेने वालों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा।
EMI की टेंशन होगी कम, लोन लेना होगा आसान
अगर आप होम लोन या ऑटो लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए सही समय आने वाला हैं। क्योंकि RBI द्वारा रेपो रेट में संभावित कटौती से बैंकों को सस्ते में फंड मिलेगा, जिसके चलते ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा और सीधा फायदा लोन लेने वालो को मिलेगा। इसका मतलब है कम ब्याज दर और कम EMI पर लोन।
कब हो सकती है रेपो रेट में कटौती?
- अगली MPC बैठक: 4-6 जून
- संभावित कटौती: 0.25% – 0.50%
- अगली संभावित कटौती: अगस्त या अक्टूबर में 0.25% से 0.50%
- वर्तमान रेपो रेट: 6%
- दिवाली तक संभावित: 5.25% – 5%
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है। जब यह दर घटती है, तो बैंक भी ग्राहकों को सस्ती दर पर लोन देने लगते हैं। और जब रेपो रेट बढती है तो बैंक भी लोन की ब्याज दर बढा देते हैं। यही वजह है कि रेपो रेट में कटौती से आपकी EMI पर सीधा असर पड़ता है।
रेपो रेट में कटौती क्यों संभव है?
- 1. महंगाई नियंत्रित है – महंगाई बढ़ने पर RBI भी रेपो रेट में बढ़ोतरी करती हैं क्योंकि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर बढाई जाती हैं, इसी प्रकार महंगाई कम या स्थिर रहने पर रेपो रेट में कटौती की जाती हैं। अभी महंगाई नियंत्रण में हैं जिसके चलते रेपो रेट में कटौती संभव हो सकती हैं।
- 2. GDP ग्रोथ स्थिर है – GDP ग्रोथ का स्थिर रहने का मतलब आर्थिक स्थिति बेहतर हैं जिसके चलते रेपो रेट में कटौती देखी जा सकती हैं।
- 3. मानसून सामान्य रहने की संभावना – मानसून सामान्य रहने पर कृषि उत्पादन भी स्थिर रहेगा जिसके चलते रेपो रेट में कटौती देखने को मिल सकती हैं।
- 4. ग्लोबल इकोनॉमी स्थिर – ग्लोबल इकोनॉमी स्थिर होने पर ब्याज दरों में लचीलापन होगा और रेपो रेट में कमी आएगी।
RBI कब बढ़ाता है और कब घटाता है रेपो रेट?
- महंगाई बढ़े: रेपो रेट बढ़ाई जाती है
- इकोनॉमी में मंदी: रेपो रेट घटाई जाती है
- इससे मनी फ्लो को कंट्रोल किया जाता है और महंगाई पर काबू पाया जाता है।
कितनी बैठकों में होता है फैसला?
- MPC के कुल सदस्य: 6 (3 RBI से, 3 सरकार द्वारा नियुक्त)
- हर साल बैठकें: 6
- फैसले: वोटिंग के आधार से लिए जाते हैं
होम लोन या कार लोन लेने का सही समय?
यदि रेपो रेट में कटौती होती है, तो यह लोन लेने का सबसे अच्छा समय साबित हो सकता है। बैंकों की ब्याज दरें घटने पर आपकी EMI में हजारों रुपये की बचत हो सकती है।
RBI की रेपो रेट में संभावित कटौती से न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को भी नई गति मिलेगी। अगर आप लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो आने वाले महीने आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
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